प्रयागराज। राजकीय विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षक (सहायक अध्यापक) के छह हजार से अधिक पद खाली हैं लेकिन समकक्ष अर्हता व पाठ्यक्रम संशोधन को मंजूरी मिलने के इंतजार में यह भर्ती दो साल से अटकी है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए इन दोनों मामलों में शासन से हरी झंडी मिलने का इंतजार है।

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एलटी ग्रेड शिक्षक के 10,758 पदों पर भर्ती के लिए पिछला विज्ञापन मार्च 2018 में जारी किया था। लाखों अभ्यर्थी सात साल से नई भर्ती का इंतजार कर रहे हैं लेकिन समकक्ष अर्हता व पाठ्यक्रम में संशोधन के प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित पड़े हैं। पिछली बार यह भर्ती एकल परीक्षा के
माध्यम से कराई गई थी लेकिन नई व्यवस्था में इस भर्ती के प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा कराए जाने का प्रस्ताव है। समकक्ष अर्हता का विवाद जहां दो साल से अनसुलझा है, वहीं प्री व मेंस के माध्यम से भर्ती कराने का प्रस्ताव आयोग ने साल भर पहले शासन को भेजा था, जिसे अब तक मंजूरी नहीं मिली है। इसी लेटलतीफी के कारण आयोग रिक्त पदों का अधियाचन एक बार वापस भी कर चुका है। वर्तमान में एलटी ग्रेड के 6365 और प्रवक्ता के 3957 पद खाली हैं। प्रवक्ता भर्ती भी अर्हता के विवाद में फंसी हुई है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से
आयोग को एलटी ग्रेड व प्रवक्ता के 8905 पदों का अधियाचन दोबारा भेजा गया है लेकिन अर्हता व पाठ्यक्रम को मंजूरी के इंतजार में आयोग नई भर्ती के लिए विज्ञापन जारी नहीं कर पा रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए सात साल और प्रवक्ता भर्ती के लिए पांच साल से इंतजार कर रहे हैं। प्रवक्ता भर्ती का पिछला विज्ञापन 2020 में जारी हुआ था।
इस दौरान हजारों अभ्यर्थी ओवरएज हो गए हैं और उनके लिए भविष्य के रास्ते बंद हो गए हैं। प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान व अन्य अभ्यर्थी चाहते हैं कि हर साल नियमित रूप से भर्ती का विज्ञापन जारी किया जाए और अगर किसी भर्ती नियमित अंतराल में नहीं होती है, तो ओवरएज अभ्यर्थियों को आयु सीमा उतरी छूट दी जाए, जितना विलंब भर्ती शुरू होने में लगा।