बागपत। परिषदीय स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों को परोसे जाने वाले मिड-डे-मील के नमूनों की अब प्रत्येक माह जांच होगी। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी रैंडम आधार पर कम से कम 10 स्कूलों से नमूना संकलित कर प्रयोगशाला भेजेंगे। नमूना गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरने पर संबंधित संस्था एवं प्रधानाचार्यों पर कार्रवाई की जाएगी। जिले में 532 परिषदीय स्कूल संचालित हैं।

इनमें 75 हजार से अधिक बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। शासन द्वारा प्रत्येक शैक्षिक सत्र में इन बच्चों को निशुल्क दो जोड़ी यूनीफार्म, जूता, मोजे, स्वेटर, बैग उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके लिए बच्चों के अभिभावकों के खातों में 1250 रुपये भेजे जाते हैं। सोमवार से लेकर शनिवार तक मैन्यू के हिसाब से मिड-डे-मील परोसा जाता है। सोमवार को फल और बुधवार का दिन दूध वितरित करने के लिए निर्धारित है। इसके लिए शासन द्वारा कन्र्वजन कॉस्ट और राशन दिया जाता है। समय-समय पर अधिकारी औचक निरीक्षण के दौरान बच्चों के साथ मिड-डे-मील भी चखते हैं। अब शासन ने मिड-डे-मील की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रत्येक माह नमूनों की जांच कराने का निर्णय लिया है।
प्रत्येक माह दस स्कूलों से नमूना संकलित करते हुए प्रयोगशाला भेजे जाएंगे। बीएसए गीता चौधरी ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के जिला खाद्य अभिहित अधिकारी को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह संकलित किए जाने वाले नमूनों की जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। बीएसए ने बताया कि मिड-डे-मील से संबंधित जारी किए आदेश का अनुपालन कराया जाएगा। नमूना सही नहीं पाए जाने पर संबंधित संस्था एवं प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई की जाएगी।