लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में लंबे समय बाद शुरू होनी वाली परस्पर तबादले की प्रक्रिया विभाग के अधिकारियों की हीलाहवाली से अटकी पड़ी है। जिले के अंदर शिक्षकों के परस्पर तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन 48 घंटे बाद भी शुरू नहीं हो सके। इससे शिक्षक काफी परेशान हैं।
विभाग ने दिसंबर 2024 में जिले के अंदर और एक से दूसरे जिले में शिक्षकों के परस्पर तबादले करने का दिशा-निर्देश जारी किया था। वहीं मार्च में बेसिक शिक्षा परिषद ने आदेश जारी किया गया कि एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले के लिए आवेदन एक से 11 अप्रैल और जिले के अंदर परस्पर तबादले के लिए आवेदन दो 11 अप्रैल तक होंगे।

इस क्रम में एक से दूसरे जिले के
दो अप्रैल से परिषदीय शिक्षकों के लिए शुरू होने थे आवेदन
शिक्षक परेशान, विभागीय अफसर नहीं दे रहे हैं जवाब
लिए आवेदन तो शुरू हो गए लेकिन दो अप्रैल से शुरू होने वाले जिले के अंदर तबादले के आवेदन अभी तक नहीं शुरू हो सके हैं। इसके लिए परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक काफी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो विभाग साल भर बाद यह कवायद कर रहा है। उसमें भी शिक्षकों को आवेदन करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है। इसके लिए शिक्षकों ने विभागीय अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन वह भी कोई जवाब नहीं दे रहे।
- Pairing School Information :विद्यालयों के पेयरिंग सम्बन्धी सूचना प्रेषित किये जाने के सम्बन्ध में।
- एआरपी चयन विज्ञप्ति
- नवोदय विद्यालय फॉर्म
- जनपद के परिषदीय विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश के उपरान्त विद्यालयों में साफ-सफाई के सम्बन्ध में।
- सहायक अध्यापिका द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों मुक्त हुए प्रधानाध्यापक
जबकि जिले के अंदर तबादले के लिए आवेदन 11 अप्रैल तक लेकर प्रक्रिया 18 मई तक पूरी करनी है। ताकि गर्मी की छुट्टियों में
शिक्षकों को कार्यमुक्त व कार्यभार ग्रहण कराया जा सके। उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष निर्भय सिंह ने कहा कि शिक्षकों के लिए ट्रांसफर का लिंक अभी तक जारी नहीं हुआ है। इसे जल्द जारी किया जाए और शिक्षकों को अतिरिक्त अवसर भी दिया जाए। वहीं उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि यह शिक्षकों के साथ धोखा है।
शिक्षक काफी लंबे समय से इसके लिए इंतजार कर रहे थे। अब वह दिनभर साइट ही चेक करते रह रहे हैं। बेसिक शिक्षा परिषद इस प्रक्रिया को जल्द शुरू कराए। साथ ही शिक्षकों के सामान्य तबादले की प्रक्रिया भी शुरू करे। ताकि जोड़ा (पेयर) न बना पाने वाले शिक्षकों को भी तबादले का अवसर मिले। क्योंकि काफी लंबे समय से शिक्षक सामान्य तबादले का इंतजार कर रहे हैं।