• शिक्षा माफियाओं से लेकर शिक्षा विभाग तक डीएम की नजर
• जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित, लिपिक से जवाब तलब
शाहजहांपुर। जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय में व्याप्त अनियमितताओं और लापरवाहियों को लेकर जिला प्रशासन सख्त हो गया है।
जिलाधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने मुख्य विकास अधिकारी डॉ० अपराजिता सिंह के साथ अचानक बेसिक शिक्षा विभाग के विभागीय कार्यालय में छापा मारा। करीब डेड़ घंटे तक निरीक्षण चला जिसमें कई खामियाँ उजागर हुईं। कार्यालय में मौजूद लोगो की पुष्टि की गयी उनसे जानकारी ली गयी की वह किस कार्य से कार्यलाय में आए है। साथ ही यह निर्देश दिये गये कि कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति कार्यालय में न रहे यह सुनिश्चित किया जाए।

निरीक्षण के दौरान विद्यालय की मान्यता, शिकायतों, वेतन, पेशन तथा विभागीय कार्यवाही से संबधित पटलों के अभिलेखों की गहनता से है। जांच की गयी। कार्यालय में साफ सफाई व्यवस्था भी बदहाल पायी गयी जिसे लेकर डीएम ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।
निरीक्षण के दौरान पाया कि विद्यालयों की मान्यता संबंधी अभिलेख एवं विभिन्न शिकायतों के निस्तारण का कोई स्पष्ट और अद्यतन विवरण विभाग द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने विभाग में तैनात लिपिक राजेश से जवाब तलब किया है। उनसे पूछा गया है
कि आवश्यक जानकारी समय पर क्यों नहीं प्रस्तुत की गई और इस स्तर की अनदेखी के लिए कौन जिम्मेदार
वहीं, कार्यालय की सफाई व्यवस्था, पत्रवलियों का रखरखाव, और कर्मचारियों पर नियंत्रण में गंभीर कमियाँ पाई गईं। साथ ही बीएसए दिव्या गुप्ता कर्मचारी आचरण नियमावली के संबध में भी स्पष्ट जानकारी नही दे सकीं। इन खामियों पर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी दिव्या गुप्ता से भी स्पष्टीकरण मांगा है। उनसे स्पष्ट करने को कहा गया है कि कार्यालय प्रबंधन में लापरवाही क्यों बरती जा रही है और संबंधित
व्यवस्था में सुधार क्यों नहीं किया गया। डीएम ने स्पष्ट कहा कि प्रशासनिक कार्यों में लापरवाही और ला शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने विभिन्न पटलों से संबंधित पत्रावलियों की गहनता से जांच की। विशेष रूप प से वेतन और पेंशन से जुड़े मामलों की फाइलें खंगाली। कई ऐसे ब दस्तावेज पाए गए जिनमें प्रक्रिया क अधूरी थी या जानकारी अद्यतन नहीं ख थी। इस पर डीएम ने वेतन, पेंशन एवं विभागीय कार्यवाही से संबंधित पा कई महत्वपूर्ण फाइलें जब्त करने के रा निर्देश दिए, ताकि बाद में इनकी म विस्तार से जांच की जा सके।
इस छापेमारी से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। कई कर्मचारी तत्काल दस्तावेजों को संधारित करने और व्यवस्थाएं सुधारने में जुट गए। डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विभागीय कार्यों में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और प्रभावशीलता सुनिश्चित की जाए अन्यथा आगे कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
इस दौरान डीसी मनरेगा बाल क गोविन्द शुक्ला आदि मौजूद रहे।