लखनऊ : राजकीय शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेश ने खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को प्रोन्नति देने के लिए पदोन्नति कोटे को गलत ढंग से बढ़ाए जाने के प्रस्ताव का विरोध तेज कर दिया है। बुधवार को राजधानी स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय में बढ़ी संख्या में पहुंचे शिक्षकों ने कहा कि इससे बीईओ को लाभ होगा और शिक्षकों को नुकसान होगा, जबकि उनकी संख्या कहीं अधिक है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव को शिक्षकों ने ज्ञापन सौंपा और प्रस्ताव को वापस लिए जाने की मांग की।

संघ के अध्यक्ष सुनील कुमार
उप्र राजकीय शिक्षक संघ ने निदेशालय में किया प्रदर्शन, माध्यमिक शिक्षा निदेशक को सौंपा ज्ञापन, न्याय की मांग
भड़ाना व महामंत्री डा. रवि भूषण का कहना है कि शैक्षिक अध्यापन (अधीनस्थ राजपत्रित) और शैक्षिक (राजपत्रित निरीक्षण शाखा) के पदों में पदोन्नति कोटे में गड़बड़ी कर बीईओ को अनुचित लाभ देने की तैयारी की जा रही है। उनका कहना है कि हाईस्कूल के प्रिंसिपल के पदों पर कार्यरत 61 प्रतिशत पुरुष शाखा व 22 प्रतिशत महिला शाखा के प्रधानाचार्यों और 17 प्रतिशत बीईओ को पदोन्नति देकर राजकीय
इंटर कालेज में प्रिंसिपल, बेसिक शिक्षा अधिकारी व एसोसिएट जिला विद्यालय निरीक्षक बनाया जाता है। पहले बीईओ प्रति उप जिला विद्यालय निरीक्षक पदनाम से जाने ि जाते थे। वर्ष 2011 में शासनादेश जारी कर इन्हें बीईओ पदनाम दिया गया, लेकिन नियमावली अभी तक नहीं बनी। अब बीईओ के पदोन्नति कोटे के पदों को 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 34 प्रतिशत करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। बीईओ की संख्या 1,031 है और शैक्षिक संवर्ग के राजपत्रित अधिकारियों के समकक्ष शिक्षकों की संख्या 25 हजार है। ऐसे में बीईओ का पदोन्नति कोटा दोगुणा किया जाना अनुचित है।