उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता को लेकर एजेंसियों पर सख्त हो गया है। परीक्षा केंद्रों पर तकनीकी गड़बड़ी और तकनीकी सेंधमारी मिलने पर जांच की जिम्मेदारी निभाने वाली संबंधित एजेंसी पर जुर्माना लगाया जाएगा। आयोग ने परीक्षा के दौरान बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू कर दी थी। इसमें प्रत्येक परीक्षार्थी की बायोमेट्रिक पहचान यानी फिंगरप्रिंट व आइरिस कैप्चरिंग शामिल है। यदि इस प्रक्रिया में कोई भी गड़बड़ी या लापरवाही पाई जाती है, तो बायोमेट्रिक सत्यापन करने वाली एजेंसी को उस केंद्र पर उपस्थित छात्रों की कुल संख्या और प्रति छात्र दिए गए भुगतान के आधार पर दस गुना जुर्माना देना होगा।

उदाहरण के तौर पर यदि एजेंसी को प्रति छात्र 54 रुपये का भुगतान किया गया है और सेंटर पर उपस्थिति छात्रों की संख्या 400 है तो आयोग एजेंसी को 21600 रुपये भुगतान करेगी। सेंटर पर एक तकनीकी गड़बड़ी मिलने पर एजेंसी से दस गुना यानी 216000 रुपये जुर्माना वसूलेगा। वहीं, यदि एक से अधिक गड़बड़ियां पाई जाती हैं, तो जुर्माने की राशि भी बढ़ती जाएगी। एक बायोमेट्रिक गड़बड़ी पर 10 गुना जुर्माना, दो गड़बड़ियों पर 20 गुना, तीन पर 30 गुना कर दिया जाएगा। जुर्माने के साथ एजेंसी को काली सूची में डाल दिया जाएगा।
एजेंसी पर लग चुका है जुर्माना
आयोग ने इस नीति के तहत पूर्व में एक परीक्षा में सख्त कार्रवाई कर चुका है। जब एक परीक्षा केंद्र पर ब्लूटूथ डिवाइस पकड़ी गई थी, तब आयोग ने उस केंद्र की जिम्मेदार एजेंसी पर छात्रों की संख्या के आधार पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाकर सख्त कार्यशैली का नमूना दिखाया