40 डिग्री तापमान के बीच पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर बच्चे
हमीरपुर। तपती गर्मी में अप्रैल माह केे प्रथम सप्ताह में ही तापमान 40 डिग्री पार कर गया है। ऐसी तपन भरी गर्मी में कुछ परिषदीय विद्यालयों में बच्चे पेड़ की छांव में बैठ पढ़ने को मजबूर हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 में जर्जर 118 विद्यालय भवनों के निर्माण की मांग शासन को भेजी थी। इस पर 2021-22 में 15 प्राथमिक विद्यालय भवनों का 11.21 लाख की लागत से निर्माण कराया गया। वर्ष 2022-23 में 20 जूनियर का व 41 प्राथमिक विद्यालयों का निर्माण कराया गया। वर्ष 2023-24 में पांच प्राथमिक व एक जूनियर का व 2024-25 में पांच जूनियर विद्यालय भवन तैयार कराए गए। शेष विद्यालय अब तक नहीं बन सके।

- उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ ने की विद्यालय समय परिवर्तन (7:30 से 12:30) की मांग।
- अंतर्जनपदीय म्यूच्यूअल आवेदन के पश्चात जमा होने वाले प्रपत्र.., देखें
- Primary ka master: बीएड की फर्जी मार्कशीट लगाकर पाई थी शिक्षिका ने नौकरी , अब मिली 07 साल की जेल
- Primary ka master: परिषदीय स्कूलों में EL (अर्जित अवकाश) के बारे में सही जानकारी
- प्राप्त सूचनानुसार : कक्षा 01 से 08 तक नई शिक्षक संदर्शिकाएँ डाउनलोड करने के लिए यहां पर क्लिक करें।
—————————–
कन्या प्राथमिक विद्यालय उजनेेड़ी
– सुमेरपुर क्षेत्र के कन्या प्राथमिक विद्यालय उजनेड़ी में 42 बच्चे पंजीकृत है। यहां करीब 15 माह पूर्व विद्यालय भवन जर्जर होने की बात कह तोड़ दिया गया। इसके बाद अब तक निर्माण नहीं हो सका। प्रधानाध्यापक सत्येंद्र ने बताया कि दो कक्षाएं आंगनबाड़ी के लिए बने कक्ष में चलाई जाती हैं। तीन कक्षाएं बाहर चलानी पड़ती है। बारिश के दौरान सभी बच्चों को एक साथ बैठाने में समस्या होती है।
—————————-
एक कक्ष में चलता विद्यालय
– मौदहा विकासखंड के ग्राम इचौली के मजरा जिगनौड़ा स्थित कंपोजिट विद्यालय में कुल छात्र संख्या 23 है। यहां छह अध्यापकों का स्टाफ है। इसमें चार अध्यापक व दो शिक्षामित्र है। प्रधानाध्यापक काजी नईमुद्दीन ने बताया कि पिछले वर्ष भवन जर्जर होने के कारण नीलाम कर दिया गया। सिर्फ एक कक्ष बचाया गया। ऐसे में छात्रों को पेड़ के नीचे बैठाया जाता है। बताया कि मौजूदा में बच्चे खेलने गए है।
– जिले के 152 विद्यालयों के निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। ऐेसे विद्यालय जहां एक कक्ष है और बच्चों को पढ़ाने में परेशानी हो रही है। तो उन्हें निकट के विद्यालय में संबद्ध करने के निर्देश दिए गए है। कहीं यदि पेड़ के नीचे बच्चे पढ़ाए जा रहे है तो उनकी व्यवस्था पास के विद्यालय में कराई जाएगी। आलोक सिंह- बीएसए