सेमरियावां। बेसिक शिक्षा विभाग में एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) का विशेष महत्व है। खास तौर पर एआरपी का मुख्य उद्देश्य शैक्षिक माहौल और गुणवत्ता को बेहतर करना होता है। एआरपी के पद पर शिक्षकों की ही नियुक्ति की जाती है। जिले में 42 एआरपी को कार्यमुक्त कर दिया गया है और उन्हें उनके मूल शिक्षक पद पर वापस भेज दिया गया है।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) की नियुक्ति की जाती है। एआरपी का मुख्य कार्य परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था को सुधारना, बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि जगाना और शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण तकनीकों का प्रशिक्षण देना होता है। प्रत्येक ब्लॉक में पांच-पांच एआरपी नियुक्त किए जाते हैं। इस तरह जिले के सेमरियावां, खलीलाबाद, बघौली, नाथनगर, सांथा, बेलहर, मेंहदावल, हैंसर, पौली सहित कुल नौ ब्लॉकों में 45 एआरपी का चयन किया जाता है।
शिक्षकों का चयन परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर एआरपी के लिए किया जाता है। एक एआरपी का कार्यकाल अधिकतम तीन वर्ष का होता है और हर साल उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाता है। जिले के तीन एआरपी का स्थानांतरण अन्य जनपदों में होने के कारण 42 एआरपी ही शेष रह गए थे। इसी आधार पर जिले में नियुक्त 42 एआरपी का कार्यकाल समाप्त हो गया है।
बीते 31 मार्च को कार्यकाल खत्म होने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी 42 एआरपी को उनके मूल शिक्षक पद पर वापस जाकर कार्यभार संभालने का आदेश दिया है। बीएसए के अनुसार, सभी एआरपी ने अपने मूल शिक्षक पद को संभाल लिया है। साथ ही, नए 45 एआरपी पदों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। बताया गया कि जल्द ही नियमों के अनुसार नए 45 एआरपी की नियुक्ति की जाएगी।