सिद्धार्थनगर। शिक्षामित्रों को मूल विद्यालय में जाने के सरकार के फैसले का शिक्षामित्र संघ ने स्वागत किया है। संघ का कहना है कि शिक्षामित्रों की ताकत और भरोसे के बल पर विभिन्न बिंदुओं पर बनी सहमति पर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की ओर से सहानुभूति पूर्वक विचार किया जा रहा है।

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आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष हेमंत कुमार शुक्ल ने शिक्षा मित्रों की मूल विद्यालय में वापसी, महिलाओं को ससुराल जाने के अवसर को प्रदान करने के संबंध में जारी शासनादेश पर प्रसन्नता व्यक्त की है।
उन्होंने बताया कि पुरुष शिक्षामित्र और विवाहित शिक्षा मित्रों को वर्तमान विद्यालय में रहने, मूल विद्यालय में जाने, मूल विद्यालय में पद खाली न होने पर उस ग्राम सभा, ग्राम पंचायत, वार्ड में चल रहे विद्यालय में खाली शिक्षा मित्र पद पर विकल्प देकर तैनाती दी जाएगी।
संगठन की ओर से समय-समय पर आंदोलन, उच्चाधिकारियों से प्रतिनिधिमंडल की वार्ता के साथ ही विभिन्न जनप्रतिनिधियों और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की भूमिका अहम है।
आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष साधना श्रीवास्तव ने कहा कि महिला शिक्षा मित्रों को वर्तमान में कार्यरत विद्यालयों में तैनात रहने, मूल स्कूल में जाने, पति के घर (पति के निवास प्रमाणपत्र के आधार पर) की ग्राम सभा, पंचायत, वार्ड में परिषदीय विद्यालय में खाली शिक्षामित्रों के पद पर तैनाती का विकल्प देने का निर्णय सराहनीय है।