सरेनी (रायबरेली)। कमरे से भूसा निकालते समय शिक्षामित्र को सर्प ने डस लिया। शिक्षामित्र को लगा कि उसकी अंगुली में चोट लगी है।टिटनेस का इंजेक्शन लगवाकर वह निश्चिंत हो गए। हालत बिगड़ने पर उनकी मौत हो गई।
कहिंजर के सुनील कुमार सिंह (58) प्राथमिक विद्यालय उमरापुर में शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत थे। बुधवार को सुबह कमरे से भूसा लेने के लिए गए थे, तभी उन्हें अंगुली में कुछ नुकीली चीज चुभने का अहसास हुआ। उन्होंने घाव पर डिटॉल लगाया। गांव में चिकित्सक से टिटनेस का इंजेक्शन लगवा लिया।

- बेसिक शिक्षा विभाग बरेली एवं मिशन शिक्षण संवाद द्वारा एक दिवसीय राज्य स्तरीय प्रकृति मित्र शिक्षक सम्मान समारोह में प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग कराये जाने के सम्बन्ध में।
- एन0बी0टी0 नई दिल्ली एवं सी0आई0आई0एल0 मैसूर के माध्यम से समग्र शिक्षा योजनान्तर्गत परिषदीय विद्यालयों के पुस्तकालयों हेतु क्रय की जाने वाली पुस्तकों के सम्बन्ध में।
- वित्तीय वर्ष 2025-26 खेल कूद सामग्री क्रय हेतु दिशा निर्देश विषयक
- परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास मद के अन्तर्गत विद्युतीकरण आदि सम्बन्धी कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में आंवटित की गयी धनराशि के सापेक्ष उपभोग प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में।
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घर पहुंचने पर उन्होंने परिजन से चक्कर आने की बात कही। कुछ देर में ही उनकी हालत खराब होने
लगी। घर वाले उन्हें सीएचसी ले गए। हालत में सुधार न होने पर चिकित्सक ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया। उधर, ग्रामीणों ने भूसे के हटाया तो उनको सर्प दिखाई पड़ा। परिवारजन ने आननफानन में सर्प के काटने की जानकारी दी, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। कुछ देर में ही उनकी मौत हो गई।
परिवारजन का आरोप है कि सीएचसी में सर्प के काटने की बात बताई गई, लेकिन चिकित्सक ने अस्पताल में सीएससी में स्नेक वेनम न होने की बात कह कर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। सीएचसी अधीक्षक राजेश गौतम का कहना है कि सीएचसी में 20 वायल एंटी स्नेक वेनम है, लेकिन परिवारजन ने बताया कि कील चुभ गई है, इस लिए टीका नहीं लगाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि समय से टीका लग जाता तो उनकी जान बच जाती