लखनऊ। सैन्यकर्मियों के आश्रितों को राज्य सरकार ने जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालयों में कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्ति किया है, हालांकि नौकरी पक्की करने के लिए उन्हें टाइपिंग सीखनी होगी। इसके लिए उन्हें एक वर्ष का समय भी मिलेगा।
इस अवधि में कंप्यूटर संचालन का प्रमाणपत्र व टाइपिंग नहीं सीखने पर चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्त कर दिया जाएगा, जहां कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। इसका शासनादेश जारी हुआ है।

राज्य सरकार ने सैन्यकर्मियों के आश्रितों को उप्र सरकारी विभाग लिपिक सेवा संवर्ग नियमावली, 2014 के प्रावधानों के तहत शैक्षणिक योग्यता के अनुसार नौकरी दी है। उन्हें इस शर्त के अधीन नियुक्ति प्रदान की जाएगी कि वह एक वर्ष के भीतर कंप्यूटर चलाने में डीओईएसीसी सोसाइटी द्वारा दिए जाने वाले ट्रिपल सी प्रमाणपत्र या सरकार द्वारा उनके समकक्ष मान्यता प्राप्त किसी प्रमाणपत्र के साथ टंकण 25 शब्द प्रति मिनट की अपेक्षित गति अर्जित कर लेगा। इसमें विफल रहने पर सामान्य वार्षिक वेतन वृद्धि रोक ली जाएगी।
तय अवधि में भी यदि कंप्यूटर चलाने में अपेक्षित प्रमाणपत्र व टंकण गति अर्जित करने में वह विफल रहता है, तो चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्त करने का आदेश जारी कर दिया जाएगा। इस तरह प्रदान की गई नियुक्ति प्रतिवर्तन (रिवर्सल) न होकर नई नियुक्ति समझी जाएगी।