पीलीभीत। परिषदीय स्कूलों के बच्चों को संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने के लिए प्रत्येक शनिवार को स्कूलों में बाल सभा आयोजित की जाएंगी। इसमें बच्चों को देशज खेल खिलाए जाएंगे। जरूरी जानकारियां भी साझा की जाएंगी। इस संबंध में बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया है। राज्य शिक्षा संस्थान की ओर से विकसित देशज खेलों पर आधारित कैलेंडर भी साझा किया है।

नई शिक्षा नीति 2020 बच्चे को वर्तमान आधुनिक व्यवस्था के साथ आगे बढ़ाते हुए पुरानी संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहने पर जोर देती है। इस संबंध में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक गणेश कुमार ने पूर्व में सभी बीएसए को पत्र जारी किया था। इसमें किशोरावस्था शिक्षा एवं स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हमारे देशज खेल को बढ़ावा देने की बात कही थी।
इसी क्रम में बीएसए अमित कुमार सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर प्रत्येक शनिवार को विद्यालय में बाल सभा का आयोजन करने को कहा है। पत्र के साथ संलग्न 12 परंपरागत खेलों का कैलेंडर भी साझा किया है।
बच्चे खेलेंगे यह खेल
हमारे देशज खेलों में पोशंपा गीत के खेल को शामिल किया गया है। इसके अलावा इत्ता बित्ता, विष-अमृत और आइस-पाइस खेल को भी जगह मिली है। आंख मिचौली, चिका-चिकाई, इक्कट-दुक्कट, कोड़ामार, मलखंभ, कयारीपट्टू, थांग-ता और गतका भी कैलेंडर में शामिल है। इन खेलों का माहवार वितरण किया गया है। कैलेंडर के अनुसार मई में आंख मिचौली खेल का आयोजन कराया जाएगा। जारी कैलेंडर में सभी खेलों के बारे में भी जानकारी दी गई है।