चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को छोड़कर सभी की हो रही है ऑनलाइन ट्रेनिंग
प्रयागराज। यूपी बोर्ड में अब विद्यार्थियों या विद्यालयों द्वारा भेजी जाने वाली समस्याओं के निराकरण में तेजी आएगी। जल्द ही यूपी बोर्ड के सभी अनुभाग ई-ऑफिस के तहत कार्य करना शुरू कर देंगे। इसके लिए कर्मचारियों की ऑनलाइन ट्रेनिंग कराई जा रही है।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को छोड़कर बोर्ड के सभी कर्मचारियों की ऑनलाइन ट्रेनिंग हो रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी विभागों और कार्यालयों में कार्यों को अधिक कुशल, प्रभावी और पारदर्शी बनाने के ई-ऑफिस योजना शुरू की है।
इसी क्रम में सरकार ऑनलाइन ट्रेनिंग में बोर्ड के 200 से अधिक कर्मचारियों को ई-ऑफिस से

विद्यार्थियों व विद्यालयों के मामलों के निस्तारण में आएगी तेजी
संबंधित कार्यों के लिए प्रशिक्षण दे रही है। सभी कर्मचारी प्रतिदिन शाम चार बजे ऑनलाइन माध्यम से प्रशिक्षण में मौजूद रहते हैं।
ई-ऑफिस के शुरू हो जाने से विद्यार्थियों को अधिक लाभ मिलेगा। सबसे अधिक मामले प्रमाण पत्र व अंकपत्र में जन्म तिथि, परीक्षार्थी का नाम, माता-पिता के नाम में संशोधन के आते हैं। ऑफलाइन होने के कारण कई बार फाइलें दबी रह जाती हैं, जिससे परीक्षार्थियों को बोर्ड ऑफिस के चक्कर काटने पड़ते हैं और फाइलें घूमती रहती हैं।
कम्प्यूटर खरीदने के लिए प्रस्ताव तैयार
वर्तमान समय में बोर्ड के सभी अनुभागों में कम्प्यूटर नहीं हैं और ई-ऑफिस व्यवस्था शुरू करने के लिए कम्प्यूटर की जरूरत है। कम्प्यूटर खरीदने के लिए प्रस्ताव भी तैयार हो गया है। जल्द ही इसे शासन को भेज दिया जाएगा, जिससे ई-ऑफिस व्यवस्था को जल्द से जल्द सभी अनुभागों में शुरू किया जा सके।
बोर्ड के कार्यों में भी आएगी तेजी
ई-ऑफिस व्यवस्था शुरू हो जाने से बोर्ड के कामों में भी तेजी आएगी। बोर्ड में वर्तमान समय में सभी कार्य लगभग फाइलों के माध्यम से हो रहे हैं। ई-ऑफिस शुरू हो जाने से फाइलों का आदान-प्रदान आसान हो जाएगा और कार्यों में तेजी आएगी।
ई-ऑफिस व्यवस्था पूरी तरह से लागू होने के बाद जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही भी तय हो सकती है। मामलों के निस्तारण में विलंब होने पर जवाब भी देना पड़ सकता है। वहीं, बोर्ड के अनुभागों के कार्यों में
और तेजी आएगी।
डाक अनुभाग प्राप्त डाक को फाइलों के बजाय संबंधित अनुभाग को ऑनलाइन भेज देगा। इससे समस्या समाधान में और तेजी आएगी और समय भी बचेगा।