लखनऊ, प्रसं सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने सहायक कोषाधिकारी लेखाकार को ट्रेजरी से घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा।
सतर्कता अधिष्ठान के अनुसार पुलिस अधीक्षक को एक पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि उसके बाबा स्व. हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव (सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी) की मृत्यु पिछले साल 10 मई को हो गई थी। शिकायतकर्ता के पिता विकलांग हैं जो अपने पिता पर पूरी तरह आश्रित

थे। बाबा की मृत्यु के बाद शिकायतकर्ता के पिता की पारिवारिक पेंशन कोषागार से मिलनी थी। इसकी स्वीकृति सहायक कोषाधिकारी लेखाकार चन्द्रमाला को करनी थी। शिकायतकर्ता के आवेदन पर उन्होंने पेंशन स्वीकृत कर दी। साथ ही शिकायतकर्ता से पैसे मांगे। पिता का हेल्थ कार्ड स्वीकृति करने के लिए शिकायतकर्ता ने सहायक लेखाकार से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि पिछली पेंशन का बकाया 12 हजार रुपये देने के लिए कहा। रुपये न देने पर एप्लीकेशन निरस्त करने की बात कही