लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्रोजेक्ट अलंकार की उपलब्धियां और विशेषताएं बताईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के तहत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए 35 पैरामीटर बनाए गए हैं।

इन पैरामीटर में स्मार्ट क्लास, डिजिटल बोर्ड और प्रोजेक्टर जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट अलंकार के जरिये स्कूलों में नई कक्षाएं, स्मार्ट क्लास, साफ पानी और शौचालय जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। ताकि छात्रों को पढ़ने के लिए अच्छा और स्वच्छ माहौल मिले। योजना के लिए पैसा राज्य सरकार, समग्र शिक्षा, ग्राम पंचायत, शहरी निकाय, कंपनियों के सामाजिक योगदान और लोगों की मदद से आता है।
इसके अलावा एकीकृत विज्ञान प्रयोगशाला, जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिकी के लिए अलग-अलग प्रयोगशालाएं हैं। पढ़ाई और तकनीकी कौशल के लिए पुस्तकालय और कंप्यूटर लैब
भी हैं। स्कूली कार्यक्रमों और गतिविधियों के लिए बहुउद्देशीय हॉल भी बनाया गया है।
सीएम ने बताया कि स्कूलों में प्रधानाचार्य और शिक्षकों के लिए अलग-अलग कक्ष, छात्रों के लिए डेस्क-बेंच और मध्याह्न भोजन के लिए रसोई भी है। कक्षाओं में टाइल्स, साइकिल स्टैंड और रेलिंग के साथ रैंप जैसी सुविधाएं स्कूल को आधुनिक और सुलभबना रही हैं। लड़कों, लड़कियों और दिव्यांगों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं। योजना के जरिये ही स्कूलों में खेल के मैदान, बरामदा, बिजली कनेक्शन, इंटरनेट सुविधा, बाउंड्रीवॉल, मुख्य द्वार, हरियाली, स्टोर रूम, स्टेज, कर्मचारी कक्ष, गार्ड रूम और डीप फ्रीजर जैसी सुविधाएं भी संभव हुई.
सीएम मॉडल व अभ्युदय स्कूल भी बन रहे हैं
इस योजना में मुख्यमंत्री मॉडल स्कूल (प्री-प्राइमरी से कक्षा 12) और मुख्यमंत्री अभ्युदय स्कूल (प्री-प्राइमरी से कक्षा 8) भी बनाए जा रहे हैं। इन स्कूलों में आधुनिक सुविधाएं जैसे बाल वाटिका के लिए अलग बिल्डिंग, स्टेम लैब, कंप्यूटर लैब, स्मार्ट क्लास, खेल मैदान, मिनी स्टेडियम, सोलर पैनल और पानी बचाने की इकाइयां। अभ्युदय स्कूलों के लिए हर स्कूल को 1.42 करोड़ दिए गए हैं, जो 450 छात्रों के लिए तैयार किए गए हैं।
पढ़ाई में उत्साह दिखा रहे बच्चे
2024 की वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर) में बताया गया है कि प्रदेश में बच्चे स्कूल आकर सीखना चाहते हैं। 2022-23 से 2024-25 के बीच माध्यमिक स्कूलों में नामांकन 23 प्रतिशत बढ़ा है। प्राथमिक स्कूलों (कक्षा 1-5) में 2010 से 2024 तक उपस्थिति 11.5 प्रतिशत बढ़ी है। ऐसे ही उच्च प्राथमिक स्कूलों में 2018 से 2024 तक उपस्थिति 9.6 प्रतिशत बढ़ी, जो देश में सबसे ज्यादा है। पुस्तकालय का प्रयोग 55.2 प्रतिशत और लड़कियों के शौचालय की सुविधा 54.4 प्रतिशत बढ़ी है।
संस्कृत विद्यालयों का भी हो रहा कायाकल्प
इस योजना के तहत संस्कृत विद्यालयों का भी कायाकल्प हो रहा है। 7 जिलों के 11 संस्कृत विद्यालयों में कक्षों का निर्माण और जीणर्णोद्धार, लैब और अन्य अवस्थापना सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। राज्य सरकार ने 141 संस्कृत विद्यालयों के कायाकल्प के लिए 14.94 करोड़ रुपये जारी किए हैं।