Home PRIMARY KA MASTER NEWS उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर आंदोलन: छात्र-शिक्षक अनुपात पूर्ण, फिर भी क्यों हो रहा विरोध?

उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर आंदोलन: छात्र-शिक्षक अनुपात पूर्ण, फिर भी क्यों हो रहा विरोध?

by Manju Maurya

उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर आंदोलन: छात्र-शिक्षक अनुपात पूर्ण, फिर भी क्यों हो रहा विरोध?

लखनऊ, 27 मई 2025: उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर एक बार फिर आंदोलन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। बुधवार को प्रस्तावित इस आंदोलन ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर तब जब राज्य सरकार बार-बार दावा कर रही है कि प्रदेश में छात्र-शिक्षक अनुपात पहले ही पूर्ण है। सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता है, फिर भी अभ्यर्थी सड़कों पर उतरने को तैयार हैं।

आंदोलन का उद्देश्य क्या?

आंदोलनकारी अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षक भर्ती में देरी और नई भर्तियों की कमी उनकी सबसे बड़ी चिंता है। कुछ अभ्यर्थियों का दावा है कि सरकार द्वारा घोषित 69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में कई अनियमितताएं हुई हैं, जिसके कारण योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं मिल पाई। इसके अलावा, कई अभ्यर्थी नई भर्ती शुरू करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें 5,000 से 10,000 पदों की भर्ती की बात कही जा रही है। हालांकि, आंकड़ों के अनुसार, वास्तविक रिक्तियां 500 से भी कम हैं, जिससे आंदोलन का औचित्य सवालों के घेरे में है।

बीएड और डीएलएड कोर्स पर सवाल

आंदोलन के बीच एक नया मुद्दा भी उभरकर सामने आया है। कई अभ्यर्थी और शिक्षक संगठन यह मांग कर रहे हैं कि जब शिक्षक भर्ती के लिए पर्याप्त पद उपलब्ध नहीं हैं, तो बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) और डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) जैसे कोर्स को बंद कर देना चाहिए। उनका तर्क है कि इन कोर्सों से हर साल लाखों युवा शिक्षक बनने का सपना लेकर निकलते हैं, लेकिन नौकरियों की कमी के कारण उनका भविष्य अधर में लटक जाता है।

एक अभ्यर्थी ने कहा, “जब सरकार को पता है कि स्कूलों में शिक्षकों की जरूरत नहीं है, तो फिर बीएड और डीएलएड जैसे कोर्स क्यों चलाए जा रहे हैं? यह युवाओं के साथ धोखा है। इन कोर्सों को बंद करना चाहिए ताकि युवा अपना समय और पैसा बर्बाद न करें।”

 सरकार का पक्ष

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने हाल ही में विधानसभा में स्पष्ट किया था कि प्रदेश में छात्र-शिक्षक अनुपात राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है। उन्होंने कहा, “हमारे पास पर्याप्त शिक्षक हैं, और हम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” सरकार ने यह भी दावा किया है कि अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) जूनियर हाईस्कूलों में 42,066 शिक्षकों और 1,544 प्रधानाध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया 31 मार्च 2025 तक पूरी कर ली जाएगी।

इसके बावजूद, शिक्षक भर्ती को लेकर असंतोष कम होने का नाम नहीं ले रहा। कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमों का उल्लंघन हुआ है, जिसके खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट तक गए हैं।

 क्या है असली मुद्दा?

शिक्षक भर्ती को लेकर चल रहे विवाद का एक बड़ा कारण प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता की कमी को माना जा रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में देरी और बार-बार कोर्ट केस के कारण उनकी उम्मीदें टूट रही हैं। वहीं, सरकार का दावा है कि वह सभी कानूनी बाधाओं को दूर करते हुए भर्ती प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए प्रयासरत है।

इस बीच, शिक्षक संगठनों ने आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के महामंत्री अरुणेन्द्र कुमार वर्मा ने कहा, “हम शिक्षकों और अभ्यर्थियों के हक के लिए लड़ रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वह न केवल भर्ती प्रक्रिया को तेज करे, बल्कि अनावश्यक कोर्सेज को भी बंद करे।”

आगे क्या?

प्रस्तावित आंदोलन के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। लखनऊ और प्रयागराज में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। दूसरी ओर, अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं और कह रहे हैं कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे सड़कों पर डटे रहेंगे।

यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह आंदोलन सरकार और अभ्यर्थियों के बीच संवाद का कोई रास्ता निकाल पाता है, या फिर यह केवल एक और प्रदर्शन बनकर रह जाएगा। फिलहाल, उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है, और इसका समाधान निकालना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।

Related Articles

PRIMARY KA MASTER NOTICE

✍नोट :- इस ब्लॉग की सभी खबरें Google search से लीं गयीं, कृपया खबर का प्रयोग करने से पहले वैधानिक पुष्टि अवश्य कर लें, इसमें BLOG ADMIN की कोई जिम्मेदारी नहीं है, पाठक ख़बरे के प्रयोग हेतु खुद जिम्मेदार होगा!

PRIMARY KA MASTER

PRIMARY KA MASTER | primary ka master current news | primarykamaster | PRIMARY KA MASTER NEWS | primarykamaster news | up primary ka master | primary ka master | up ka master | uptet primary ka master | primary ka master com | प्राइमरी का मास्टर | basic siksha news | upbasiceduparishad |up basic news | basic shiksha parishad | up basic shiksha parishad | basic shiksha | up basic shiksha news | basic shiksha parishad news | basic news | up basic shiksha | basic shiksha news today | बेसिक शिक्षा न्यूज | बेसिक शिक्षा समाचार |basicshikshakparivar| basic shikshak parivar | basic shiksha samachar | basic ka master | basic shiksha com | up basic education news | basic shiksha vibhag | up basic shiksha latest news | Basicshikshak | up basic shiksha parishad news | uptet news | uptet latest news | uptet help | uptet blog | up tet news| updatemarts | update mart | SUPER TET | uptet latest news | uptetnews | www updatemarts com| updatemartsnews | ctet | d.el.ed | updeled | tet news | gurijiportal | upkamaster | basicshikshakhabar | primarykateacher | Shikshamitra | up shiksha mitra | shikhsa mitra news | govtjobsup | rojgarupdate | sarkari results | teachersclubs | sarkari master | sarkariresults| shasanadesh | tsctup |basicmaster | Basicguruji | sarkari rojgar

© Basic Shiksha Khabar | PRIMARY KA MASTER | SHIKSHAMITRA | Basic Shiksha News | UpdateMarts | Primarykamaster | UPTET NEWS

icons8-whatsapp-96