मुरादाबाद। नए शैक्षिक सत्र में निजी स्कूलों ने मनमानी करते हुए निर्धारित दुकानों से ही अभिभावकों को निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदने को मजबूर किया। इसकी शिकायत हुई तो डीआईओएस ने जिले के 26 स्कूलों को नोटिस जारी किए, लेकिन अब स्कूल संचालक नोटिस का जवाब देने से कतरा रहे हैं। एक स्कूल ने जवाब भी दिया है तो उसने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है।

नया शैक्षिक सत्र शुरू होने पर अभिभावकों ने जिलाधिकारी अनुज सिंह और डीआईओएस देवेंद्र कुमार पांडेय से शिकायत की थी कि स्कूल एनसीईआरटी की किताबें पढ़वाने के बजाय निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदवा रहे हैं। एनसीईआरटी की किताबों की तुलना में स्कूलों द्वारा लगवाई गईं किताबें आठ गुना महंगी थीं। एक दुकानदार के यहां पर करीब 13 स्कूलों की किताबें मिल रहीं थीं, जबकि संबंधित दुकानदार की ही दूसरी दुकान पर छह स्कूलों की किताबें मिल रही थीं।
तीन अप्रैल को हुई जिला शुल्क नियामक समिति की बैठक में यह मुद्दा उठने के बाद 20 मई को
जिला विद्यालय निरीक्षक देवेंद्र कुमार पांडेय ने 26 स्कूलों को नोटिस जारी किया था और जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था। नोटिस देने के पांच दिन बीत जाने क बाद सिर्फ एक स्कूल ने ही जवाब
भेजा है।
स्कूल बोले- किताबें उपलब्ध करवाना हमारी जिम्मेदारी नहीं
अधिकारियों का कहना है कि जिस स्कूल ने जवाब भेजा है, उसमें लिखा है कि हमने किसी अभिभावक को किसी निर्धारित दुकान पर किताबें खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया है। यदि इस स्कूल की किताबें अन्य दुकानों पर नहीं मिल रही हैं तो बाजार में किताबें उपलब्ध करवाना स्कूल की जिम्मेदारी नहीं है।
26 स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है। अभी एक स्कूल ने
जवाब भेजा है। अन्य स्कूलों ने जवाब नहीं भेजा है। इंतजार कर रहे हैं कि एक-दो दिन में शेष स्कूलों का जवाब मिल जाएगा। नहीं तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। देवेंद्र कुमार पांडेय,
जिला विद्यालय निरीक्षक