केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने मूल्यांकन वर्ष 2025-26 के लिए सभी आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म में बड़े बदलाव किए हैं। नए आईटीआर फॉर्म में करदाताओं को कर बचत निवेश, मकान किराया भत्ता (एचआरए), एलटीए और वेतन के अलावा अन्य आय पर कर कटौती (टीडीएस) के बारे में अधिक जानकारी देनी होगी। करदाताओं को यह भी सलाह दी गई है कि वे समय पर रिटर्न दाखिल करें और सही-सही जानकारी प्रदान करें, ताकि नए फॉर्म में किसी तरह की गड़बड़ी की संभावना को कम किया जा सके। विभाग का कहना है कि ये बदलाव पारदर्शिता बढ़ाने के लिए किए गए हैं।
आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए नए आईटीआर फॉर्म अधिसूचित कर दिए हैं। इसमें आईटीआर-1, 2, 3, 4 और 5 शामिल हैं। जल्द ही विभाग की ओर से इन फॉर्म के लिए एक्सेल यूटिलिटी भी जारी की जाएगी, जिससे करदाताओं को ई-फाइलिंग पोर्टल पर प्री-लोडेड सुविधाओं के साथ आसानी से आयकर रिटर्न भरने में मदद मिलेगी। इस वर्ष करदाताओं को उन फॉर्म में बदलावों का ध्यान रखना होगा, जो उन्हें भरने हैं। अब आईटीआर-1 और 4 जैसे सरल फॉर्म में भी कुछ नई सूचनाएं भरनी होंगी। वहीं, आईटीआर-2 और 3 में पूंजीगत लाभ, परिसंपत्तियों और देनदारियों का अधिक विस्तृत विवरण देना होगा। विशेष रूप से उन करदाताओं को राहत दी गई है, जिन्हें शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ 1.25 लाख रुपये तक हुआ है।
रिटर्न दाखिल करने की तैयारी : करदाताओं को यह सलाह गई दी है कि वे रिटर्न दाखिल करने से पहले फाॅर्म-16, फॉर्म-26एएस और एआईएस का आपस में जरूर मिलान कर लें ताकि किसी भी विसंगति को तुरंत पकड़ा जा सकें। करदाता अपने दस्तावेज, जैसे फॉर्म-16, फॉर्म 26एएस, एआईएस, बैंक स्टेटमेंट और निवेश प्रमाण पहले से तैयार रखें। इसके अलावा, ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपनी बैंक जानकारी को अपडेट और सत्यापित करना सुनिश्चित करें ताकि रिफंड में देरी न हो। वेतनभोगी करदताओं के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है।
समय पहले से भरें रिटर्न : विशेषज्ञों ने करदाताओं को इस साल आयकर रिटर्न में किए गए बदलावों को देखते हुए समय से पहले रिटर्न दाखिल करने की सलाह दी गई है। उनका कहना है कि समय से पहले रिटर्न दाखिल करने से करदाताओं को अपने लिए लागू आईटीआर फॉर्म का आकलन करने और त्रुटि-मुक्त रिटर्न दाखिल करने का पर्याप्त समय मिलेगा।
