उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में कार्यालय शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए बड़ी खबर है. उनके लिए तबादले की पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया गया है जो कि सत्र 2025 -26 के लिए लागू होगी.
ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव होने से शिक्षकों के लिए अब एक से दूसरे जिले में जाने के लिए 5 साल की सेवा अनिवार्यता की बढ़ता समाप्त कर दी गई है. बेसिक शिक्षा में ऐसा यह पहली बार हुआ है कि 5 साल की सेवा बाध्यता खत्म हुई हो. एक से दूसरे जिले में तबादले की प्रक्रिया NIC द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से संपन्न कराई जाएगी..

लेकिन तबादला लेने वाले शिक्षकों को अपनी सर्विस के साथ यह समझौता भी करना होगा कि जब वह एक से दूसरे जिले में ट्रांसफर लेंगे तो वहां की वरीयता सूची में सबसे नीचे रखा जाएगा यानी वह सबसे उस जिले में सबसे जूनियर होंगे. इसके लिए उनके लिए शपथ पत्र भी देना होगा जिससे बाद में वह पदोन्नति के समय कोई किसी प्रकार का अपना दावा प्रस्तुत न कर सके.
अंतर्जनपदीयत ट्रांसफर में 68500 और 69000 सहायक अध्यापक भर्ती की शिक्षक भी पहली बार शामिल होंगे. समय अवधि की टर्म एंड कंडीशन खत्म होने से शिक्षकों को बड़ा फायदा होगा जिससे वह अपने जनपद में जा सकेंगे.