नईदिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) को स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट-पीजी)-2025 एक पाली में आयोजित करने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि नीट-पीजी दो पालियों में आयोजित करने से न सिर्फ मनमानी को बढ़ावा मिलेगा बल्कि प्रतिभागियों को समान अवसर भी नहीं मिलेगा।

जस्टिस विक्रमनाथ, संजय कुमार और एन.वी. अंजारिया की पीठ ने एनबीई के अधिकारियों को एक पाली में नीट पीजी 2025 आयोजित करने के लिए समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया। पीठ ने इसके लिए एनबीई को सुरक्षित परीक्षा केंद्रों की पहचान करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि किसी भी दो प्रश्नपत्रों को कभी
‘परीक्षा पूरे देश में होती है, एक शहर में नहीं’
जस्टिस विक्रमनाथ ने कहा कि नीट पीजी के लिए आवेदन करने वाले कुल प्रतिभागियों की संख्या 2,42,678 है और यह परीक्षा पूरे देश में आयोजित की जाती है, न कि किसी एक शहर में। ऐसे में देश में तकनीकी प्रगति को देखते हुए हम यह स्वीकार करने के लिए कतई तैयार नहीं हैं कि एक पाली में परीक्षा आयोजित करने के लिए बोर्ड को पर्याप्त केंद्र नहीं मिल पाया।
भी समान कठिनाई या सरलता वाला नहीं कहा जा सकता। पीठ ने डॉ. अदिति सहित 7 डॉक्टरों की ओर से दाखिल याचिका पर विचार करते हुए एनबीई द्वारा नीट पीजी-2025 दो पालियों में कराने के लिए जारी अधिसूचना रद्द करते हुए यह आदेश दिया है।