स्कूलों में स्थायी शिक्षक नियुक्ति की संभावना कम
लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में फिलहाल शिक्षकों की नई भर्ती की संभावना नहीं है। भर्ती की राह देख रहे अभ्यर्थियों को इससे निराशा हो सकती है। लेकिन, इसकी वजह प्रदेश में छात्र-शिक्षक अनुपात शिक्षा विभाग के मानक के अनुरूप होना बताया जा रहा है। बेसिक शिक्षा

विभाग के अनुसार, प्रदेश में एक शिक्षक पर औसतन 29 छात्र हैं, जो निर्धारित मानक 30 छात्र प्रति शिक्षक से भी बेहतर है। शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को जोड़ने पर यह अनुपात और बेहतर हो जाता है, जो एक शिक्षक पर मात्र 22 छात्र है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में छात्र- शिक्षक अनुपात 30:1 और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 35:1 का निर्धारित किया गया है।
प्रदेश में करीब एक लाख 32 हजार परिषदीय स्कूल संचालित हो रहे हैं। इनमें चार लाख 34 हजार अध्यापक, एक लाख 40 हजार शिक्षामित्र और 25 हजार अनुदेशक कार्यरत हैं। विभाग के अनुसार, स्वीकृत पदों की तुलना में 59 हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं, लेकिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अपेक्षाकृत कम है, जिससे शिक्षक की उपलब्धता पर्याप्त मानी जा रही है। पिछले वर्ष परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की संख्या एक करोड़ 52 लाख थी, इस वर्ष में गणना जुलाई से शुरू होगी। वहीं, बहुत से विद्यालय ऐसे भी हैं जहां शिक्षक व छात्र का अनुपात असंतुलित है। कहीं शिक्षक कम हैं तो कहीं छात्रों की संख्या अधिक है। शिक्षामित्रों के सहारे भी बहुत से विद्यालय संचालित हैं। ऐसे में विभाग इन असंतुलन को दूर करने के लिए शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया में जुटा है। हालांकि विभाग संविदा के आधार पर कुछ शिक्षकों की नियुक्ति पर विचार कर रहा है। विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया
है कि प्रदेश में छात्र-शिक्षक अनुपात
मानक के अनुरूप हान का वजह से
स्थायी शिक्षक भर्ती की जरूरत नहीं
है। इस सबंध में केंद्र सरकार का रिपोर्ट पहले ही भेजी जा चुकी है।
नौ हजार एजुकेटर की होगी भर्तीः
परिषदीय विद्यालयों में संचालित 87 हजार बाल वाटिकाओं में इस साल नौ हजार से अधिक अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ईसीसीई) की भर्ती होगी। ये बाल वाटिकाएं तीन से छह वर्ष के बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के लिए चलाई जा रही हैं। भर्ती बेसिक शिक्षा विभाग के तहत सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। पात्र अभ्यर्थियों में वे शामिल होंगे जिन्होंने होम साइंस में स्नातक किया है या एनटीटी (नर्सरी टीचर ट्रेनिंग) या डीपीएसई (डिप्लोमा इन प्री स्कूल एजुकेशन) जैसे दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स किए हैं। 21 से 40 वर्ष तक की उम्र निर्धारित की गई है। चयनितों को निश्चित मानदेय दिया जाता है। जल्द ही इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।