लखनऊ। प्रदेश के विभिन्न विभागों में रखे जाने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बन रहे आउटसोर्स कर्मचारी निगम के गठन की औपचारिकता लगभग पूरी हो गई है। जल्द इसका कैबिनेट से अनुमोदन होगा।

इसके तहत आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम 18000 रुपये मानदेय दिए जाने का प्रस्ताव किया जा रहा है। मानदेय सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से ही दिया जाएगा। राज्य कर्मचारी संयुक्त
परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शासन के परामर्शी विभागों, वित्त, कार्मिक व न्याय विभाग ने आउटसोर्स कर्मियों के मानदेय के भुगतान की पूर्व व्यवस्था को यथावत लागू रखने का भी प्रस्ताव किया है।
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि मानदेय के भुगतान की प्रक्रिया सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से ना कराकर निगम के माध्यम से ही कराया जाए। क्योंकि सेवा प्रदाता एजेंसियों के शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए ही आउटसोर्स कर्मचारी निगम की स्थापना की जा रही है। परिषद की महामंत्री अरुणा शुक्ला ने बताया कि संजय प्रसाद ने हमारे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।