*टीचर्स सेल्फ केयर समिति कन्यादान योजना नियमावली*
टीचर्स सेल्फ केयर समिति द्वारा 1जून 2025 से बहु प्रतीक्षित कन्यादान योजना का शुभारम्भ किया जा रहा है। इस योजना में TSCT के नियमावली के अनुसार लाभ लेने हेतु अर्ह शिक्षको /सदस्यों की पुत्री के विवाह में कन्यादान योजना के अंतर्गत आर्थिक मदद की जायेगी। योजना के अंतर्गत निम्नलिखित पात्रता एवं शर्तें होंगी।

(1) कन्यादान योजना सिर्फ TSCT के वैधानिक सदस्यों के लिए होगी।
1(A) कन्यादान योजना में केवल शिक्षक/सदस्य की स्वयं की पुत्री का विवाह होने की स्थिति में ही लाभ प्रदान किया जाएगा। *(नियमावली के अधीन ही लाभ देय होगा)*
1(B) कन्यादान योजना में शुरुआत में शिक्षक/सदस्य की किसी एक पुत्री के ही विवाह में ये लाभ दिया जाएगा, वो बड़ी या छोटी किसी भी पुत्री के विवाह में यह मदद ले सकेगा। शिक्षक/सदस्य को यह लाभ प्राप्त करने हेतु सेवाकाल में अधिकतम 55 वर्ष की उम्र तक जुड़ने वाले शिक्षक को 62 वर्ष यानी सेवा निवृत्त होने की तिथि तक लाभ मिल सकेगा, क्यों कि इस योजना में सेवारत शिक्षक ही भाग ले सकेगे और नियमावली के बिंदु 11 के अनुसार लाभ प्राप्त करने के उपरांत 5वर्ष तक का पश्चगामी लॉकिंग पीरियड भी लागू होगा। यह भी विदित हो कि मात्र कन्यादान योजना के लाभ हेतु 55 वर्ष की उम्र तक जुड़ने अनिवार्य रहेगा जबकि TSCT की मूल योजना में कभी भी जुड़ा जा सकता है।
1(C) यह लाभ गोद ली हुई पुत्री या किसी अन्य माध्यम से सिर्फ पूरी तरह कानूनी रूप से एडोप्टेड पुत्री के प्रकरण में ही देय होगा। उसके लिए पूरी जांच और निर्णय लेने का अधिकार समिति के पास होगा। गोद ली गई पुत्री सिर्फ 5 वर्ष तक की उम्र में या उससे पूर्व ली गई है तभी मान्य होगी, ऐसे मामले में विधिसम्मत तरीके से गोद किया जाना अनिवार्य होगा।
1(D) किसी शिक्षक /सदस्य के पति पत्नी दोनो के सदस्य/ शिक्षक होने की स्थिति में एक बार में एक ही पुत्री के लिए सिर्फ एक ही क्लेम देय होगा। किंतु ऐसी स्थिति में दूसरी पुत्री होने की स्थिति में यदि पति और पत्नी दोनों द्वारा नियमानुसार सहयोग किया जाएगा तो अगली पुत्री के विवाह में भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा क्यों कि दोनों को पति पत्नी के साथ दो अलग सदस्य भी माना जा रहा है।
(2) यह योजना ऐच्छिक होगी, अनिवार्य नही होगी।
(3) इस योजना में न शामिल होने पर किसी सदस्य की मुख्य योजना में वैधानिकता नही खत्म होगी। कोई सदस्य चाहे तो बिना कन्यादान योजना का हिस्सा बने अर्थात बिना कन्यादान योजना में सहयोग किए दिवंगत शिक्षको के परिवारों को मदद जारी रख सकता है और वह शिक्षक/सदस्य संबंधित नियमो के अंर्तगत वैधानिक रहेगा।
(4) इस योजना में सिर्फ व्यवस्था शुल्क जमा करने वाले शिक्षक /सदस्य ही भाग ले सकेगे। कोई सदस्य चाहे तो पूर्व की भांति बिना व्यवस्था शुल्क जमा किए और बिना कन्यादान योजना का हिस्सा बने अर्थात बिना कन्यादान योजना में सहयोग किए, दिवंगत शिक्षको के परिवारों को मदद जारी रख सकता है और वह शिक्षक/सदस्य संबंधित नियमो के अंर्तगत वैधानिक रहेगा। उपरोक्त लाभ प्राप्त करने हेतु 3माह पूर्व व्यवस्था शुल्क जमा होना अनिवार्य होगा।(यह नियम तत्काल लागू होगा)
इसके साथ ही यदि कोई सदस्य 2 या अधिक वर्ष से जुड़ा है तो पिछले 2 बार का लगातार व्यवस्था शुल्क जमा होना अनिवार्य होगा। (यह नियम 1जून 2026 से लागू होगा।)
(5) प्रथम कन्यादान योजना का लाभ उसी शिक्षक/सदस्य को मिलेगा जिसने TSCT में 2वर्ष की अवधि पूर्ण की हो, पिछले 2वर्ष से समस्त सहयोग किया हो, उपरोक्त बिंदु 4 के अनुसार व्यवस्था शुल्क जमा किया हो, जुड़ने के बाद से जितने सहयोग हुए हो उनका 90% पूर्ण किया हो।
(6) प्रथम बार कन्यादान योजना का लाभ किसी शिक्षक /सदस्य को मिल जाने के बाद पात्रता की शर्ते इस प्रकार होगी –
6(A) कन्यादान योजना का लाभ लेने के लिए TSCT में 2वर्ष पुराना लगातार सहयोग करते हुए वैधानिक सदस्य हो सदस्य हो ।
6(B) जुड़ने के बाद बिंदु 4 के अनुसार व्यवस्था शुल्क जमा किया हो।
6(C) जुड़ने के बाद जितने सहयोग दिवंगत शिक्षको के परिवारों को हुए हो, उसके 90% अवसरों पर सहयोग किया गया हो अर्थात नियमानुसार मूल योजना में वैधानिक हो।
6(D) जुड़ने के बाद अपने पूर्व में हुए 90% अवसरो पर कन्यादान योजना में सहयोग किया हो।
7. कन्यादान योजना हेतु आवेदन संबंधित जिला टीम के माध्यम से किया जाएगा, साथ ही जिला टीम को निमंत्रण देना भी अनिवार्य होगा। जिला टीम और प्रदेश टीम विवाह संबंधी आवश्यक परीक्षण अपने विवेकानुसार कभी भी कर सकेगी, परिवार को इस हेतु सहयोग देना अनिवार्य होगा। आवेदन के समय वर और वधू की करेंट फोटो देना अनिवार्य होगा।
8. बेटी के माता पिता (सदस्य) को उनकी ही बेटी है, इसका आवश्यक प्रमाण देना अनिवार्य होगा।
9. कन्यादान योजना में सहयोग हेतु धनराशि निश्चित नहीं होगी, शुरुआत में लगभग 5 लाख या अधिक का सहयोग देने की योजना है। सहयोग का प्रकार और तरीका संस्थापक मंडल/प्रदेश टीम आवश्यकतानुसार लेगी।
10. आवेदन बेटी के विवाह के 3 माह पूर्व करना अनिवार्य होगा साथ ही टीम का प्रयास रहेगा कि विवाह पूर्व ही सहयोग प्रदान कर दिया जाय, किंतु जांच या किसी अन्य कारणों से देरी भी संभव हो सकती है, जिसके लिए सदस्य जल्दबाजी हेतु किसी प्रकार का दबाव नहीं बना सकेगा। विशेष परिस्थितियों में यदि 3 माह से कम का समय मिलता है तो अविलंब कोर टीम को सूचित करना अनिवार्य होगा , ऐसे में त्वरित सहयोग मिलना प्रभावित हो सकता है।
*लाभ पा चुके शिक्षको/सदस्यों के लिए नियम -*
TSCT द्वारा कन्यादान योजना का लाभ पा चुके शिक्षको/सदस्यों के लिए निम्नलिखित नियमो का पालन करना अनिवार्य होगा।
(11) जो शिक्षक/सदस्य TSCT द्वारा कन्यादान योजना लाभ प्राप्त कर लेंगे वो समिति को एक नोटरी युक्त शपथ पत्र संबंधित जिला टीम/प्रदेश टीम को एक निर्धारित फॉर्मेट पर देगे जिसमे आगामी 5वर्षो तक समस्त/90% दिवंगत परिवारों को सहयोग करेगे, व्यवस्था शुल्क जमा करेगे तथा समस्त कन्यादान सहयोग में अपना निर्धारित अंशदान देगे। समय समय पर यदि संस्था को उचित लगेगा तो सिक्योरिटी के उद्देश्य से समस्त नियमो का पालन लाभार्थी द्वारा किया जाय इस हेतु किसी भी प्रकार की सुनिश्चिता निर्धारित करने हेतु कोई भी निर्णय ले सकती है। यदि चेक आदि लिया जाता है तो उसे निर्धारित समय बाद वापस कर दिया जाएगा जिसका भी लिखित रिकार्ड सुरक्षित रखा जाएगा। यदि नियम एवं शर्तें नही पूरी की जाती तो चेक के माध्यम से सिक्योरिटी एवं सहयोग की राशि भुगतान करने हेतु समिति स्वतंत्र होगी। अंतरित की गई राशि का प्रयोग समिति या उसका कोई पदाधिकारी स्वयं के ऊपर नही खर्च करेगी बल्कि सहयोग प्राप्त करने वालो को स्वविवेकानुसार प्रदान करेगी। शपथ पत्र में की गई घोषणा और नियम न मानने की स्थिति में टीम लाभार्थी के खिलाफ विधिक कार्यवाही हेतु संस्था स्वतंत्र होगी।
*लाभ प्राप्त करने की स्थिति*
(12) कन्यादान योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए शिक्षक/सदस्य की बेटी के विवाह के 3माह के पूर्व टीम के पास आवेदन करना होगा। विशेष परिस्थितियों में यदि 3 माह से कम का समय मिलता है तो उसपर भी कोर टीम को यथा संभव सूचना प्रदान करना अनिवार्य होगा अन्यथा तात्कालिक सहयोग मिलना प्रभावित हो सकता है।
12 (A) टीम विवाह के समय या पूर्व ही सहयोग प्रदान करने का प्रयास करेगी लेकिन अपरिहार्य स्थिति या ज्यादा प्रकरण आने की स्थिति में विवाह के पूर्व ही सहयोग प्रदान करे, ये बाध्यता नहीं होगी।
12 (B) टीम अपनी व्यवस्था के अनुसार लाभार्थी के खाते में सीधे सदस्यों द्वारा सहयोग भिजवाने या कई प्रकरण एकसाथ आने की स्थिति में समिति के एक कन्यादान प्रयोजनार्थ खाते में सहयोग एकसाथ लेकर बराबर बराबर भागों में चेक/आरटीजीएस/नेफ्ट के माध्यम से प्रदान करने हेतु स्वतंत्र होगी या आवश्यकतानुसार यथोचित निर्णय लेने हेतु स्वतंत्र होगी।
12(C) समिति के खाते में एकसाथ सहयोग लिए जाने की स्थिति में समिति द्वारा सहयोग से पूर्व और सहयोग के बाद का ओपनिंग और क्लोजिंग अकाउंट पारदर्शिता के दृष्टिगत रखा जाएगा।
12 (D) किसी शिक्षक/सदस्य की पुत्री का विवाह योजना शुरू होने के पूर्व में हो चुका है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।
12 (E) यदि कोई शिक्षक/सदस्य इस योजना में सहयोग लेना चाहता है तो 55 वर्ष या उससे पूर्व की उम्र में जुड़कर सहयोग करना अनिवार्य होगा साथ ही नियमावली का पालन करना होगा।
(13) सहयोग देने या किसी भी प्रकार की जांच करके अंतिम निर्णय लेने का अधिकार समिति या संस्थापक मंडल के पास रहेगा।
(14) कन्यादान योजना स्वैच्छिक है, अतः इसके किसी भी नियम, निर्णय या किसी प्रकार से सहयोग प्राप्त करने हेतु दबाव नहीं बनाया जा सकेगा और इसे विधिक चुनौती नहीं दी जा सकेगी या किसी प्रकार का दावा नही किया जा सकेगा।
(15) समिति/टीम/पदाधिकारी पर किसी प्रकार का अनैतिक दबाव या साजिश या बदनाम करने के उद्देश्य से या भ्रम फैलाने के उद्देश्य से कोई कृत्य किसी सदस्य , उसके परिवार, उसके मित्र या उसके जानने वाले के द्वारा सीधे या अप्रत्यक्ष किए जाने की स्थिति में सदस्य की सदस्यता स्वतः समाप्त करने का अधिकार समिति / टीम के पास होगा तथा ऐसे लोगो को लाभ से वंचित रखने या प्राप्त लाभ की रिकवरी का अधिकार संस्था के पास सुरक्षित रहेगा। इसे किसी प्रकार की विधिक चुनौती नही दी जा सकेगी।
(16) कन्यादान योजना का लाभ किसी सदस्य का अधिकार नहीं होगा, बल्कि संस्था द्वारा नैतिकता के आधार पर सहयोग की अपील की जाएगी। कोई भी सदस्य यदि कन्यादान योजना में सहयोग करता है तो उससे अपेक्षा की जाती है कि इसे लाभ पाने के उद्देश्य से नहीं अपितु सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से करे क्यों कि संस्था समयगत, निश्चित धनराशि या जरूरी सहयोग का आश्वासन नहीं देती है, बल्कि अपनी तरफ से अपील मात्र करती है। अतः प्राप्त होने वाली धनराशि पर कोई सदस्य कम या ज्यादा धनराशि या निर्धारित समय या तिथि में सहयोग प्राप्त करने का दावा नहीं कर सकता। इसके साथ ही किसी तकनीकी कारणों या संस्था की छवि किसी भी रूप में खराब करने वाले सदस्य को लाभ देने या न देने का अधिकार संस्थापक मंडल/प्रदेश टीम के पास होगा।
(17) समय समय पर आवश्यकतानुसार प्रदेश टीम/संस्थापक मंडल किसी भी नियमों में बदलाव कर सकेगा।
(18) किसी भी प्रकार के न्यायालयी विवाद की स्थिति में सिर्फ प्रयागराज जनपद /प्रयागराज न्याय क्षेत्र में ही वादों का निपटारा किया जा सकेगा।