बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों में बिजली कनेक्शन के लिए स्टीमेट जमा कर दिया है, इसके बाद भी अब तक सैकड़ों स्कूलों में विद्युत कनेक्शन नहीं हुआ। मंगलवार को शिक्षा के व्यवसायीकरण की जांच करने के लिए विधान परिषद की टीम के सामने जब यह मामला आया तो सभापति ने नाराजगी जाहिर की। सदस्यों ने अफसरों को निर्देश दिया कि दोनों विभागों में बात कराकर काम कराएं। इस दौरान कोचिंग संस्थानों पर मनमानी फीस वसूली के लिए लगाम लगाने के भी निर्देश दिए गए। विधान परिषद की समिति ने मंगलवार को प्रयागराज और प्रतापगढ़ के अफसरों के साथ बैठक की।

एमएलसी मानवेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इंजीनियरिंग-मैनेजमेंट-डिप्लोमा-आईटीआई कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए दुर्घटना की स्थिति में क्षतिपूर्ति के लिए उनके व अभिभावकों का अभियान चलाकर बीमा फार्म भरवाकर इंश्योरेंस करवाने का निर्देश दिया गया। अफसरों से पूछा गया कि वर्ष 2021 के बाद हुई दुर्घटनाओं में क्षतिपूर्ति के लिए क्या किया गया। सभी का इंश्योरेंस भरवाकर उन्हें इसका लाभ दिलाने के लिए कहा गया। समिति ने स्कूलों में छात्रों की ओर से जमा की गई काशन मनी की वापसी के लिए की गई व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। अध्यक्ष ने प्रति वर्ष चालक, परिचालक का सत्यापन कराने का निर्देश दिया। साथ ही वाहन में सीसीटीवी कैमरा भी क्रियाशील करने के लिए कहा। इसके अलावा छात्राओं के स्कूली बस में एक महिला अटेंडेंट की व्यवस्था करने के लिए कहा। स्कूली वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने, बिना परमिट के संचालित होने वाले वाहनों पर रोक लगाने और 15 वर्ष से अधिक के स्कूली बसों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश भी दिए। इस दौरान सदस्य अंगद सिंह, सुरेंद्र चौधरी, डॉ. बाबू लाल तिवारी, उपसचिव समिति मुनेश कुमार, प्रतिवेदक सुधीर कुमार यादव, अपर निजी सचिव आशीष सिंह मौजूद रहे। बैठक में जिलाधिकारी प्रयागराज रविंद्र कुमार मांदड़, जिलाधिकारी प्रतापगढ़ शिव सहाय अवस्थी आदि अफसर मौजूद रहे।
बैठक में यह भी पूछा गया
● कक्षा आठ तक के कितने विद्यालय मान्यता प्राप्त हैं और कितने नहीं।
● बिना अनुमति के कितने विद्यालयों में कक्षा नौ व 10 की कक्षाएं संचालित हो रही हैं।
● डीआईओएस व बीएसए ऐसे विद्यालयों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करें।
● मिड डे मील की गुणवत्ता और स्वच्छता के बारे में विशेष ख्यान रखने की सलाह दी।
● स्कूलों के आसपास शराब की दुकानों को बंद कराने के निर्देश समिति के सदस्यों ने दिए।
सदस्य डॉ.बाबू लाल तिवारी ने कहा कि आउट सोर्सिंग पर एक ही एजेंसी से भर्ती न कराई जाए। साथ ही इसके लिए स्थानीय लोगों को चयनित किया जाए। शिक्षा का व्यवासयीकरण न हो, इसके लिए सरकारी और निजी विद्यालयों की फीस में बहुत अधिक अंतर नहीं होना चाहिए।