मुरादाबाद। देहात ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) वेगीश सिंह गोयल पर महिला शिक्षकों के उत्पीड़न मामले में अपर शिक्षा निदेशक ने कार्रवाई की है। इस पर बीईओ ने अपर शिक्षा निदेशक को प्रत्यावेदन भेजा है। उनका कहना है कि यह कार्रवाई एकतरफा हुई है। जांच समिति ने उनके पक्ष को सही तरीके से प्रस्तुत नहीं किया है।

बीईओ वेगीश गोयल के खिलाफ जुलाई 2024 में विभाग की दो महिला शिक्षकों ने उत्पीड़न की शिकायत की थी। उस समय वेगीश गोयल ठाकुरद्वारा्र के बीईओ के पद पर तैनात थे। शिकायत के बाद तीन सदस्यीय समिति ने मामले में जांच की थी। जांच रिपोर्ट में समिति ने आरोपों की पुष्टि की थी। इसके बाद निदेशालय ने बीईओ वेगीश सिंह गोयल को बचाव का दूसरा अवसर देे हुए अभ्यावेदन मांगा था।
जांच समिति द्वारा उपलब्ध करवाई गई आख्या और वेगीश सिंह गोयल द्वारा भेजे गए अभ्यावेदन के परीक्षण के बाद अपर शिक्षा निदेशक ने बीईओ का आचरण एवं कार्यशैली दूषित पाए हुए उनकी अस्थायी रूप से तीन वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई की। इस मामले में बीईओ मुरादाबाद ग्रामीण वेगीश सिंह गोयल ने कहा कि जांच समिति ने उनका पक्ष सुना था, लेकिन जब रिपोर्ट बनाई तो उसमें मेरी बातों को शामिल नहीं किया गया। महिलाओं के बयानों को प्राथमिकता देकर दोष सिद्ध करने का प्रयास किया गया।
नहीं हुई वित्तीय अनियमितता की जांच
वेगीश सिंह गोयल ने कहा कि यह आरोप इसलिए लगे हैं कि वह 2019-20 में महिला शिक्षिका द्वारा ड्रेस वितरण में की गई वित्तीय अनियमितता की जांच कर रहे थे। महिला शिक्षिका ने यूनिफॉर्म के लिए जिस दुकानदार से कपड़ा लिया था, उसका आधा भुगतान किया गया। शेष भुगतान किसी और नाम से निकाल लिया। जब दुकानदार ने शिकायत की तो बीएसए के निर्देश पर मुझे जांच मिली। उस जांच से हटवाते हुए मेरा ब्लॉक बदला गया। इसके बाद अभी तक इस वित्तीय अनियमितता की जांच नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस घटना में महिलाएं सिर्फ मोहरा हैं, शिकायत करवाने वाले दूसरे व्यक्ति हैं, क्योंकि यह वित्तीय अनियमितता दो स्कूलों में हुई है।
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जांच समिति को ठाकुरद्वारा जाकर दूसरे शिक्षकों से बयान लेने चाहिए थे। जिन महिला शिक्षकों ने मेरे ऊपर उत्पीड़न का आरोप लगाया है, उन्होंने कोई सीसीटीवी, ऑडियो या वीडियो क्लिप भी उपलब्ध नहीं करवाई। समिति ने सिर्फ उनके बयान को ही प्राथमिकता देते हुए कार्रवाई की है। – वेगीश सिंह गोयल, बीईओ, मुरादाबाद ग्रामीण