शिक्षक आए, फोटो खींच अपलोड की और चलते बने
बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सोमवार से शिक्षकों को उपस्थित रह कर विभागीय काम निपटाने का आदेश दिया गया है किन्तु बारा क्षेत्र के विकास खंड शंकरगढ़ और जसरा के अधिकतर विद्यालयों के शिक्षकों ने सिर्फ खानापूर्ति की। शिक्षकों ने विद्यालय का ताला तो खोला किंतु उपरि तु उपस्थित दर्ज कर चले गए। क्षेत्र के बारा खास, पगुवार, शंकरगढ़ में अधिकांश शिक्षक काफी समय तक रहे और आपस में वार्तालाप करते रहे। पांडर, उमापुर, सेहुड़ा, पिपरांव, घुरमी आदि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक आए और फोटो खींच कर अपलोड किया, उसके बाद चलते बने। कहीं कहीं तो सभी शिक्षक
उपस्थित भी नहीं हुए। उधर, उरुवा के सभी परिषदीय विद्यालय खुले रहे। जिसमें पहुंचे शिक्षकों ने पहले दिन स्कूल की साफ सफाई के साथ डीबीटी, आधार फीडिंग का कार्य निबटाया। दोपहर 2 बजे स्कूल बंद कर सभी शिक्षक वापस लौट गए।

अवकाश की घोषणा का इंतजार करते रहे शिक्षक
मेजा। बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश पर सोमवार को परिषदीय विद्यालय शिक्षक व शिक्षिकाओं के लिए खोल दिए गए। दूर दराज के स्कूलों में प्रथम दिन शिक्षक व शिक्षिकाओं की उपस्थिति बहुत कम रही। स्कूल में उपस्थिति न दर्ज कराने वालों की सोच रही कि हो सकता है, भीषण गर्मी को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग अपने निर्णय को बदलते हुए 30 जून तक अवकाश घोषित कर दें, लेकिन ऐसा न हो सका। कई दिन पूर्व बेसिक शिक्षाधिकारी ने परिषदीय विद्यालयों कार्यरत शिक्षक व शिक्षिकाओं को
आदेश कर रखा है कि सभी विद्यालय पूर्व की तरह समयबद्ध ढंग से सुबह साढ़े आठ से दोपहर दो बजे तक चलेंगे। आदेश का अनुपालन करने के लिए परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षिकाएं स्कूल पहुंच दाई से कक्षा कक्षों व कार्यालय की सफाई करवाने के बाद मां सरस्वती का पूजन कर अपने कार्य में जुट गई, लेकिन बच्चों की उपस्थिति न होने से शिक्षकों को विद्यालय सूना सा लगा, जिससे कुछ शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर पर अपना हस्ताक्षर बनाने के घंटे भर बाद घर को लौट गए।
पहले दिन रही शिक्षकों की आंशिक मौजूदगी
सैदाबाद। क्षेत्र के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व संविलयन विद्यालयों में अध्यापकों की मौजूदगी आंशिक रही। शिक्षक स्कूलों में प्रशासकीय व शैक्षणिक कार्य करते दिखे। कई शिक्षकों ने विद्यालय खोलने के समय पर दवे मन से नाराजगी जाहिर की। अध्यापकों ने बताया कि छात्रों के लिए ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया गया है लेकिन शिक्षकों को 15 दिनों तक विद्यालय में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।
मांडा के कई विद्यालयों के नहीं खोले गए ताले
मांडा। शासन के निर्देशानुसार सोमवार से परिषदीय स्कूलों में अध्यापकों की उपस्थिति अनिवार्य होने का आदेश मांडा क्षेत्र के ज्यादातर परिषदीय स्कूलों में बेअसर रहा। बीईओ खुद सोमवार को बीआरसी मांडा नहीं आ पायीं। सोमवार से सरकारी निर्देश के अनुसार प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की उपस्थिति अनिवार्य होने का निर्देश मांडा क्षेत्र के विद्यालयों में बेअसर रहा। क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बेलहा कला व प्राइमरी स्कूल दोहथा के ताले सोमवार दोपहर बारह बजे तक नहीं खोले जा
सके। इन विद्यालयों के गेट से लेकर कमरों तक कूड़े का अंबार लगा रहा। जनपद से 70 किमी दूर और पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण मांडा क्षेत्र में उच्चाधिकारियों की जांच पड़ताल न होने के कारण मांडा के दक्षिणी पहाड़ी क्षेत्र के उपरीध में स्थित लगभग एक दर्जन परिषदीय विद्यालयों में हमेशा अध्यापकों के न आने या काफी विलंब से आने की शिकायतें आम हैं। मामले में वीईओ मांडा नीलम साक्यवाल से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि बंद विद्यालयों की फोटो भेज दीजिये मैं जांच करा लेंगी।