प्रयागराज। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को एक काल्पनिक वेतन वृद्धि (नोशनल इंक्रीमेंट) देने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति रजनीश कुमार राय की एकल पीठ ने चंदौली के राकेश कुमार तिवारी व अन्य की ओर से दायर अर्जी पर दिया है।

चंदौली निवासी राकेश कुमार और अन्य पूर्वी मध्य रेलवे, दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के कर्मचारी थे। ये सभी 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए। इसके चलते एक जुलाई या एक जनवरी को मिलने वाले वार्षिक वेतन वृद्धि से इन्हें वंचित कर दिया गया। इसके खिलाफ इन्होंने कैट में आवेदन दायर कर नोशनल इंकीमेंटी की मांग की।
अधिवक्ता ने दलील दी कि चार कर्मचारी 30 जून व एक 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुआ था। इसके ठीक दूसरे दिन मिलने वाले
वार्षिक वेतन वृद्धि के लाभ से इन्हें वंचित कर दिया गया है, जो सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्थापित विधि व्यवस्था के खिलाफ है।
कैट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि कर्मचारी जब सालभर काम करता है तो उसे वार्षिक वेतन वृद्धि मिलती है। ऐसे में सालभर काम करने के बाद वेतन वृद्धि से एक दिन पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी को उस लाभ से वंचित करना, उसे बिना किसी गलती के दंडित करने के समान है।
कैट ने याचियों को एक वार्षिक वेतन वृद्धि प्रदान करने का निर्देश दिया। साथ ही यह भी निर्देश दिया कि आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने की तारीख से चार महीने की अवधि के भीतर वार्षिक वेतन वृद्धि के निर्धारण के बाद संशोधित पीपीओ (पेंशन पेमेंट ऑर्डर) जारी करें।