परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की बुनियादी शिक्षा और गिनती की समझ को मजबूत करने के लिए अब शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। निपुण भारत मिशन के तहत इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण में 4.7 लाख से अधिक प्राथमिक शिक्षक शामिल होंगे।
प्रशिक्षण का उद्देश्य कक्षा में पढ़ाने की विधियों को और प्रभावी बनाना है। इसमें नई एनसीईआरटी आधारित किताबों की सामग्री, स्थानीय कहानियों, गतिविधि आधारित पढ़ाई और बच्चों को केंद्र में रखकर पढ़ाने की शैली को अपनाने पर जाेर दिया जाएगा।

राज्य स्तर से लेकर जिला और ब्लाक स्तर तक प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी निभाएंगे। प्रशिक्षण से पहले और बाद में टेस्ट लेकर इसके प्रभाव का आकलन भी किया जाएगा। प्रशिक्षण की जानकारी और सामग्री यूट्यूब सत्रों, वाट्सएप ग्रुप्स और संकुल बैठकों के माध्यम से भी साझा की जाएगी।
शिक्षकों को विशेष रूप से भाषा और गणित के जरूरी कौशल जैसे स्पष्ट बोलना, ध्वनि पहचान, पढ़ने की आदत, समझने की क्षमता और गणना की प्रक्रियाओं पर काम करना सिखाया जाएगा। इसके लिए उन्हें उचित शिक्षण सामग्री और अभ्यास की योजनाबद्ध तकनीक भी दी जाएंगी।
समझाया जाएगा जीआरआर माडल
प्रशिक्षण में ग्रेजुअल रिलीज आफ रिस्पांसिबिलिटी (जीआरआर) माडल को समझाया जाएगा। इस पद्धति में शिक्षक पहले खुद करके दिखाते हैं, फिर छात्रों को मार्गदर्शन देते हैं और बाद में उन्हें खुद अभ्यास करने देते हैं। इससे बच्चों की सीखने की गति बेहतर होती है। शिक्षकों को आकलन आधारित शिक्षण की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें स्पाट मूल्यांकन, ‘फार्मेटिव टेस्ट’, ‘समेकित मूल्यांकन’ और ‘पुनरावृत्ति योजनाएं’ शामिल होंगी।