लखनऊ : राज्य में अगले साल होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग आरक्षण देने के लिए सरकार स्थानीय ग्रामीण निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करने की तैयारी में है। इसका प्रस्ताव तैयार हो चुका है। जल्द ही इसे कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। आयोग पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण पर अपनी संस्तुति देगा।

समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग में पांच सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। सदस्य ऐसे व्यक्ति होंगे जो पिछड़ा वर्ग के संबंधित मामले का ज्ञान रखते हों। एक महिला सदस्य भी होगी। एक सदस्य को अध्यक्ष के रूप में नामित किया जाएगा, जिसे राज्यमंत्री का दर्जा मिलेगा। आयोग का कार्यकाल नियुक्ति से छह माह के लिए होगा। सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के आदेशों के क्रम में पंचायत चुनाव में पहली बार पिछड़ा वर्ग आरक्षण के लिए आयोग का गठन किया जाना है। पंचायती राज विभाग के मंत्री ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि यह आयोग पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण पर रिपोर्ट देगा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तय समय पर होगा। संबंधित खबर >> 7
आयोग करेगा ये कार्य
राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति और प्रभावों की समकालीन, सतत, अनुभवजन्य जांच व अध्ययन करेगा।
रिकार्डों, रिपोर्टों, सर्वे और आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर जनसंख्या में पिछड़े वर्ग की जनसंख्या का पंचायतवार अनुपात पता लगाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के क्रम में शासन को अनुशंसा के साथ रिपोर्ट देना।
आयोग अपनी रिपोर्ट तीन माह के अंदर या राज्य सरकार द्वारा नियत अवधि के अंदर प्रस्तुत करेगा।
आयोग केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों, संगठनों, संस्थानों या व्यक्तियों से सहायता ले सकेगा।
विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं के साथ बैठकें कर उनकी सलाह ले सकेगा, प्रभावी कामकाज के लिए जरूरी होने पर मान्यता प्राप्त शोध संस्थाओं की सहायता प्राप्त कर सकेगा।
उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए राज्य या अन्य राज्यों में विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करने के लिए अध्ययन यात्राओं की व्यवस्था कर सकता है