लखनऊ। प्राइमरी स्कूलों में अब दक्षता आधारित पढ़ाई पर फोकस किया जाएगा। इसके लिए नई शिक्षा नीति के तहत राज्य सरकार प्रदेश की प्राइमरी शिक्षा में आमूल चूल परिवर्तन की तैयारी में है।
इसके लिए विद्यार्थियों में संकल्पनात्मक सोच को प्रोत्साहित किया जाएगा और उनमें समझदारी विकसित की जाएगी। इसके लिए सरकार ने रंगीन और आकर्षक शिक्षण सामग्री तैयार कराई है जो विद्यार्थियों को रुचिकर तरीके से सीखने में मदद करेगी। जल्द ही सभी स्कूलों में इन शिक्षण सामग्रियों का वितरण किया जाएगा। जानकारों की माने तो शिक्षा पद्धति में बदलाव के लिए बड़ी तैयारी की गई है। मसलन, बोझिल पुस्तकों की जगह अब चित्रों वाली (प्रिंट रिच सामग्री) को तरजीह दी जाएगी, जिससे पाठ्य सामग्री को समझना आसान और सुगम हो जाएगा। इसके लिए पांच बड़े हिन्दी बिग बुक्स, पांच पोस्टर जिनमें जीवन व सामाजिक सरोकार से जुड़े चित्र हैं जो बच्चों को कहानियां बनाने में सहायता करते हैं। इसी प्रकार से पांच पोस्टर जो संख्या संबंधी अवधाराणाओं को समझने में मदद करते हैं तथा पांच गणित की कहानी पुस्तकों का सेट है, जो विद्यार्थियों की संख्या समझ को विकसित करता है। ये सभी शिक्षण सामग्री प्राइमरी विद्यालयों को नियमित शैक्षिक सामग्री के अतिरिक्त सरकार की ओर से दिए जाएंगे।

प्राइमरी शिक्षा की सूरत बदलेगी
शिक्षण सामग्रियों के अलावा एक तालिका भी तैयार की गई है, जिसके माध्यम से कक्षा एक से लेकर आठ तक के विद्यार्थियों के ज्ञान के स्तर का आंकलन किया जा सकेगा। उस दौरान जो भी कमी प्रदर्शित होगी उसे शीघ्र दूर किया जाएगा। विभाग की ओर से तैयार की गई यह विशेष तालिका एक ऐसा साधन है, जिसके माध्यम से किसी कक्षा के सभी विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर को एक़ दृष्टि में समझा जा सकता है। इसका उद्देश्य रचनात्मक आंकलन के लिए किया जाता है।