आजमगढ़। जिले में नए सत्र 2025-26 में परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की संख्या बढ़ाने की चल रही कवायद के बीच शासन ने उपस्थिति बढ़ाने व ड्रॉप आउट कम करने के लिए पूर्व में जारी आदेश को संशोधित कर दिया है। परिषदीय विद्यालयों में उपस्थिति बढ़ाने व ड्रॉप आउट कम करने के साथ ही बच्चे के लिए उपचारात्मक कक्षाएं भी चलेंगी।

परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने और ड्रॉप आउट को कम करने के उद्देश्य से अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार की ओर से 15 मई को जारी शासनादेश में यह अहम बदलाव किया गया है। पहले छह से 14 वर्ष के किसी बच्चे को आउट ऑफ स्कूल तब माना जाता था जब वह प्रारंभिक विद्यालय में कभी नामांकित न हो या नामांकन के बाद अनुपस्थिति के कारणों की पूर्व सूचना के बिना विद्यालय से निरंतर 45 दिन या उसे अधिक अवधि तक अनुपस्थित रहा हो।
15 मई को जारी संशोधित आदेश के अनुसार किसी बच्चे को आउट ऑफ स्कूल माना जाएगा यदि उसका प्रारंभिक विद्यालय में कभी नामांकन न हो या नामांकन के बाद शैक्षिक सत्र में 30 संचयी दिनों से अधिक अनुपस्थित रहा हो और वार्षिक और नैट मूल्यांकन में 35 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त किया हो। बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार पाठक ने बताया कि शासन के निर्णय का कड़ाई से अनुपालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।