यूपी में धल्लड़े से घूसखोरी चल रहा है हमीरपुर और आगरा के बाद बांदा से रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। यहां सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में तैनात लिपिक अखिलेश को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई कार्यालय में घूस लेते वीडियो वायरल होने पर की गई है। वीडियो की सत्यता की जांच को डीएम जे. रीभा ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है और हफ्तेभर में रिपोर्ट मांगी है। हालांकि, आपका लाइव हिन्दुस्तान वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें साफ नजर आ रहा है कि सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय का लिपिक अखिलेश अपनी सीट पर बैठा है। ठीक सामने की कुर्सी पर बैठे युवक से रुपये लेता है और गिनता है। वीडियो छह सेकेंड का है। वायरल वीडियो संज्ञान में आते ही डीएम ने अखिलेश को निलंबित कर दिया। मामले में एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार ने बताया कि डीएम ने प्रकरण की जांच को तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है।
जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, सिटी मजिस्ट्रेट संदीप केला ने बताया कि वायरल वीडियो उनके कार्यालय का नहीं है। सिटी मजिस्ट्रेट ने दावा किया कि अखिलेश से पूछताछ की गई तो उन्होंने वीडियो पांच साल पुराना होना बताया है।
रायबरेली में ग्राम विकास अधिकारी घूस लेते पकड़े गए
उधर, रायबरेली में ट्रेडर्स दुकानदार का बकाया भुगतान किए जाने के लिए मांगी गई 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते समय एंटी करप्शन की टीम ने ग्राम विकास अधिकारी को रंगे हाथ पकड़ लिया। पकड़े गए कर्मचारी को टीम अपने साथ लेकर चली गई। अभी तक कोतवाली में कोई तहरीर नहीं दी गई। इससे कार्यालय में हड़कंप मच गया।
रायबरेली के डलमऊ ब्लॉक क्षेत्र के तेरुखा गांव में तैनात ग्राम विकास अधिकारी प्रेमचंद्र ने देवन्ना गांव के बैजनाथ ट्रेडर्स से सरकारी काम के लिए मौरंग, सीमेंट आदि सामान लिया था। इसके बाद विभाग से कराए जाने वाले भुगतान को लेकर ग्राम विकास अधिकारी दुकानदार से कई दिनों तक टालमटोल करते रहे। दुकानदार ने बकाया भुगतान के लिए दबाव बनाया तो ग्राम विकास अधिकारी ने 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। ग्राम विकास अधिकारी से परेशान होकर दुकानदार बैजनाथ ने इसकी सूचना लखनऊ की एंटी करप्शन टीम को दे दी।