Tax gyan
*आईटीआर फाइलिंग को लेकर टैक्सपेयर्स के पास ओल्ड टैक्स रिजीम और नई टैक्स रिजीम दोनों का ही विकल्प मौजूद है। लेकिन ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत अब आईटीआर फाइल करना मुश्किल हो सकता है।*
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*हाल ही में इनकम टैक्स विभाग ने ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत टैक्स फाइलिंग से जुड़े नियमों में बदलाव किया है।*
1…80C
*अगर कोई भी टैक्सपेयर्स सेक्शन 80सी के तहत पीपीएफ, ईपीएफ, एनएससी, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम इत्यादि टैक्स सेविंग लाभ पाना चाहता है, तो उसे ज्यादा डिटेल्स देनी होगी। इनमें रिसीप्ट नंबर, पॉलिसी या डॉक्यूमेंटेशन आईडी, अकाउंट डिटेल्स, भुगतान करने वाले का नाम जैसी डिटेल शामिल हैं।*
2…..80D
*अगर कोई व्यक्ति सेक्शन 80डी के तहत टैक्स सेविंग क्लेम करना चाहता है। उसे भी अब ज्यादा डिटेल्स देनी होगाी। जैसे इंश्योरेंस लेने वाले का नाम, पॉलिसी या रिसीप्ट नंबर, प्रीमियम पेमेंट को लेकर कोई प्रूफ और अगर किसी और के लिए इंश्योरेंस लिया है, तो उसके क्या संबंध है।*
3….HRA
*सेक्शन 10(13A) के तहत अगर कोई व्यक्ति किराया भरने को लेकर टैक्स क्लेम करता है। उसे भी कई जानकारी देनी होगी। जैसे कहां काम करते हैं, एचआरए कितना रिसीव हो रहा है, कितना किराया भरा जा रहा है( रेंट रिसिप्ट और मकान मालिक का नाम, पैन नंबर (अगर रेंट 1 लाख से ज्यादा है)*