सिद्धार्थनगर। हिन्दुस्तान टीम शासन के निर्देश पर जनपद में भी 641 बेसिक विद्यालयों में छात्रों का नामांकन 50 से कम मिला है। ये स्कूल पास के स्कूल के साथ मर्ज होंगे। मर्ज होने के बाद इन विद्यालयों में बाल वाटिका बनाई जाएगी। परिषदीय विद्यालयों में जहां बच्चों की संख्या कम है, वहां पास के स्कूलों के साथ उनका युग्मन (मर्ज) किया जाएगा। इसके तहत भवन, कक्षाएं, स्मार्ट क्लास, आईसीटी उपकरण और शैक्षणिक सामग्री जैसे संसाधन साझा किए जाएंगे, जिससे इनका अधिकतम उपयोग संभव हो सकेगा। स्कूल पेयरिंग की नीति के अंतर्गत कम नामांकन वाले स्कूलों को पास के बेहतर स्कूलों के साथ जोड़ा जाएगा और एक यूनिट के रूप में संचालित किया जाएगा।

इससे शिक्षकों की बेहतर उपलब्धता, बाल वाटिका और स्मार्ट क्लास का कुशल संचालन, आईसीटी लैब और संसाधनों का प्रभावी उपयोग, पियर लर्निंग और शिक्षक क्षमता का समुचित प्रयोग, अभिभावकों से संवाद और बेहतर प्रबंधन, नामांकन में बढ़ोतरी और ड्रापआउट दर में कमी हो सकेगी। इन विद्यालयों में उपलब्ध भौतिक व शैक्षणिक संसाधनों में विद्यालय के भवन, कक्षा-कक्ष, आईसीटी उपकरण और विभिन्न शैक्षणिक सामग्री का समुचित व साझा उपयोग कर शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावशाली एवं विद्यार्थी केद्रिंत बनाए रखने का निर्देश मिला है। इन विद्यालयों का निकटस्थ विद्यालय के साथ युग्मन करते हुए एक इकाई के रूप में कार्य किया जाएगा। जिससे कि अनुकूल छात्र संख्या के साथ ही शैक्षणिक संसाधनों का छात्र हित में अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। अपर्याप्त छात्र नामांकन वाले चिन्हित विद्यालयों का स्थलीय भ्रमण करते हुए वहां की अवस्थापना सुविधाओं, पहुंच, नामांकन, समावेशिता, स्थलीय परिस्थितियों एवं आवश्यकताओं का प्रस्ताव प्रस्तुत कर सुनिश्चित किया जाएगा। शैलेश कुमार, बीएसए