लखनऊ। उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में जल्द ही बदलाव की संभावनाएं जताई जा रही हैं। अपर मुख्य सचिव से लेकर कई मंडलायुक्तों के साथ जिलाधिकारियों के बदलाव की चर्चाएं तेज हो गई हैं। कहा जा रहा है कि माह के अंत तक कुछ बड़े बदलाव हो सकते हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अगले माह सेवानिवृत्त होने से इस पद को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है।

उनका कार्यकाल बढ़ाए जाने से लेकर नए मुख्य सचिव के नाम की चर्चाएं तैर रही हैं। इसमें वर्ष 1989 बैच के आईएएस एसपी गोयल व देवेश चतुर्वेदी और 1990 बैच के दीपक कुमार के नाम की चर्चाएं हैं। प्रदेश में मौजूदा समय वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमी हो गई है। इसके चलते एक-एक अधिकारी के पास कई-कई विभागों की जिम्मेदारी है।
कृषि उत्पादन आयुक्त के पद से मोनिका एस. गर्ग के सेवानिवृत्त होने के बाद दीपक कुमार को यह जिम्मेदारी दी गई है। उनके पास पहले से अपर मुख्य सचिव वित्त के साथ माध्यमिक शिक्षा और बेसिक
शिक्षा की जिम्मेदारी है। 30 जून को 1990 बैच के जितेंद्र कुमार सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
उनके पास अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार पुनर्गठन समन्वय, भाषा, राष्ट्रीय एकीकरण, सामान्य प्रशासन विभाग और निदेशक हिंदी संस्थान का प्रभार है। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद इन पदों पर स्थाई तैनाती होगी या फिर अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाया जा सकता है।
चर्चा है कि अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों के दायित्वों में बदलाव किए जाने पर मंथन शुरू हो गया है। इसके साथ ही प्रदेश के कई मंडलों में मंडलायुक्त भी बदल सकते हैं। शासन में बैठे सचिव स्तर के कुछ अधिकारियों को मंडलों में भेजा जा सकता है। मुख्य सचिव को लेकर अभी तक की जो चर्चाएं सामने आ रही हैं, उसमें मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल बढ़ाए जाने को लेकर चर्चा गर्म है। केंद्र सरकार को जल्द ही इसके लिए पत्र भेजने की तैयारी है।