प्रयागराज, । उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. ब्रह्मदेव ने 16 राज्य विश्वविद्यालयों से संबद्ध प्रदेशभर के 7372 स्व-वित्तपोषित महाविद्यायों की जांच के लिए 16 कमेटियां गठित की हैं। पांच-पांच सदस्यीय कमेटी निजी महाविद्यालयों की नौ बिन्दुओं पर जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट देंगी। 24 मार्च को जारी आदेश में साफ किया है कि किसी भी महाविद्यालय में जांच के लिए समिति के तीन सदस्यों का होना अनिवार्य होगा।
समिति प्राचार्य, प्राध्यापकों, प्रबंधतंत्र का विश्वविद्यालय से अनुमोदन, स्टाफ की उपस्थित व वेतन भुगतान रजिस्टर, कक्षा भवन, व्यवस्थित प्रयोगशाला एवं महाविद्यालय का इन्फ्रास्ट्रक्चर, छात्रों से प्राप्त होने वाली फीस, छात्र-छात्राओं की उपस्थिति व परीक्षा की स्थिति/शुचिता के साथ विभिन्न पाठ्यक्रमों के विश्वविद्यालय से संबद्धता की जांच करेगी। जिन विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों की जांच होनी है उनमें डॉ. भीमराव अम्बेडकर विवि आगरा, छत्रपति शाहूजी महाराज विवि कानपुर, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि जौनपुर, प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विवि प्रयागराज, लखनऊ विवि, राजा महेन्द्र प्रताप विवि अलीगढ़, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी, बुंदेलखंड विवि झांसी, डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विवि फैजाबाद, चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ, मां. शाकुंभरी विवि सहारनपुर, जननायक विवि बलिया, महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विवि बरेली, गोरखपुर विवि, महाराजा सुहेलदेव विवि आजमगढ़ और सिद्धार्थ विवि सिद्धार्थनगर शामिल हैं।
प्रतीक्षालय का शिलान्यास
प्रयागराज। शिक्षा निदेशालय में प्रतीक्षालय व प्रसाधन कक्ष का शिलान्यास शुक्रवार को विधायक हर्षवर्धन बाजपेई ने किया। उन्होंने अपनी विधायक निधि से लगभग 20.27 लाख रुपये से इस कार्य को मंजूरी दी है। इस अवसर पर माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव, उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. ब्रम्हादेव, जितेन्द्र कुमार चतुर्वेदी, उपाध्यक्ष दीपक श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।