नई दिल्ली। दुनिया के शीर्ष देशों में ब्याज दरों को बढ़ाने के मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) छठे स्थान पर है। अमेरिका पहले स्थान पर है। पिछले साल से महंगाई पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय बैकों ने दरें बढ़ाने का तरीका अपनाया था। इसके बावजूद ज्यादातर देशों में महंगाई अभी भी उनके तय दायरे से ऊपर ही बनी हुई है।
पिछले साल मई से लेकर अब तक आरबीआई ने रेपो दर में 2.50 फीसदी की वृद्धि की है। अप्रैल में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में एक बार
फिर से दरों में 0.25 फीसदी वृद्धि का अनुमान है। ऐसे में यह 2.75 फीसदी हो जाएगी।
सात साल के उच्च स्तर पर पहुंच सकती है रेपो दर : रॉयटर्स के सर्वे में अर्थशास्त्रियों ने कहा कि आरबीआई अप्रैल में रेपो दर को 0.25 फीसदी बढ़ाकर सात साल के उच्च स्तर तक ले जा सकता है। कुछ अर्थशास्त्रियों ने कहा, केंद्रीय बैंक आक्रामक रुख को वापस ले लेगा।
अगले साल 4 फीसदी से नीचे आ सकती है महंगाई : डच बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक दास ने कहा, महंगाई संबंधी जोखिम से निपटने के लिए आरबीआई सभी विकल्प खुले रखेगा। महंगाई कैलेंडर वर्ष 2023 में 6.70% फीसदी से ऊपर ही रह सकती है। अगले साल यह 4% के आसपास रह सकती है।