लखनऊ। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों की वरिष्ठता सूची अभी तक फाइनल नहीं हो सकी। वहीं, जिले के अंदर तबादला कार्यवाही में भी पेच फंसना शुरू हो गया है। 28 अप्रैल से कार्यवाही शुरू होनी थी लेकिन पोर्टल नहीं शुरू किया जा सका। अब इसे तीन मई के बाद शुरू करने की योजना है। इससे शिक्षक नाराज हैं। उनका कहना है कि विभाग जानबूझ कर समस्या पैदा कर रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग में कुछ
महीनों से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की वरिष्ठता तय करने की कार्यवाही चल रही है। छह बार तिथि बढ़ाई जा चुकी है, पर खामियों को दूर नहीं किया जा सका। अभी तक वरिष्ठता सूची फाइनल नहीं की जा सकी है। वहीं, विभाग जिले के अंदर तबादला कार्यवाही शुरू करने की तिथि भी दो बार बढ़ा चुका है। दूसरे संशोधन के मुताबिक 28 अप्रैल को जिले के अंदर तबादले के लिए पोर्टल शुरू करना था। इस पर एक मई से शिक्षकों को अपने डाटा से संबंधित आपत्ति देनी थी लेकिन पोर्टल ही नहीं शुरू किया जा सका। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल का कहना है कि मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों के पदनाम, मोबाइल नंबर, विषय वर्ग और लिंग में गलतियां हैं। तीन मई तक सही कर पोर्टल पर अपडेट करने को कहा गया है। इसके बाद स्थानांतरण पोर्टल शुरू किया जाएगा।
यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर बताते हैं कि शिक्षक लंबे समय से जिले के अंदर तबादले का इंतजार कर रहे हैं, पर इस बार भी विभागीय खामियां भारी पड़ रही हैं। वहीं, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह का कहना है कि विभाग शिक्षकों को उनका हक न देकर उन्हें सिर्फ उलझाए रखना चाहता है।