प्रदेश के सहायता प्राप्त महाविद्यालयों की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में विषयों के अंतसंबंध की स्थिति साफ होने के बाद आधुनिक कोर्स की पढ़ाई करने वाले अभ्यर्थी फायदे में हैं। कुछ खास कोर्स से परास्नातक करने वाले अभ्यर्थी तीन-तीन विषयों में भर्ती के दावेदार हो गए हैं। अब तक स्थिति साफ न होने के कारण इन अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के चक्कर काटने पड़ते थे।
शासन के विशेष सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी की ओर से पांच मई को विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर विषयों के अंतसंबंध का अनुमोदन किया गया है। इसके अनुसार बायोटेक्नोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री से एमएससी करने वाले अभ्यर्थी असिस्टेंट प्रोफेसर जुलॉजी, बॉटनी और बायोकेमेस्ट्री पदों पर भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसी प्रकार माइक्रोबायोलॉजी, एप्लाइड बायोकेमेस्ट्री, मॉलीक्यूलर बायोलॉजी एंड जेनेटिक्स और एनवायरनमेंटल साइंस से एमएससी करने वाले अभ्यर्थी बॉटनी व जुलॉजी की भर्ती के योग्य हैं।
प्राचीन इतिहास, आर्कियोलॉजी एंड हेरिटेज मैनेजमेंट विषय से एमए पास अभ्यर्थी एशियन कल्चर व प्राचीन इतिहास, लोक प्रशासन से पीजी पॉलीटिकल साइंसेज व रूरल इंडस्ट्रीज भर्ती के लिए आवेदन के अर्ह हैं। लैंड एंड वाटर मैनेजमेंट से परास्नातक और सॉइल एंड वाटर कन्जर्वेशन में एमटेक अभ्यर्थी मृदा संरक्षण व कृषि अभियांत्रिकी विषयों के लिए अर्ह हैं।
विषयों के अंतसंबंध की स्थिति साफ होने के बाद आधुनिक विषयों से परास्नातक छात्रों को सबसे अधिक राहत मिली है। क्योंकि भ्रम की स्थिति में अधिकारी इन्हें ही सबसे पहले बाहर कर देते थे और उसके बाद अपने हक के लिए इन्हें वर्षों कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ती थी। डॉ. विक्रम गौरव सिंह,
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के अभ्यर्थी
वनस्पति विज्ञान में आठ विषयों के अभ्यर्थी मान्य
असिस्टेंट प्रोफेसर के सभी विषयों में सर्वाधिक व्यापक दायरा वनस्पति विज्ञान या बॉटनी का है। इसके लिए आठ अलग-अलग विषयों से परास्नातक अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। वनस्पति विज्ञान के लिए बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, प्लांट-बायोटेक्नोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री, एप्लाइड बायोकेमेस्ट्री, मरीन बायोटेक्नोलॉजी, जेनेटिक्स के साथ ही एनवायरनमेंटल साइंस से पीजी अभ्यर्थी मान्य हैं। जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर जीव विज्ञान के लिए एप्लाइड बायोकेमेस्ट्री, बायोकेमेस्ट्री, बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, मॉलीक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स व एनवायरनमेंटल साइंस से पीजी अभ्यर्थी मान्य हैं।