प्रयागराज, । आरआरसी की लेवल वन 2019 ग्रुप डी भर्ती फिर विवाद में फंस रही है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि पांच सौ से अधिक पद खाली होने के बावजूद 150 अभ्यर्थियों को जगह नहीं है बताकर अंतिम चयन से बाहर कर दिया गया। इस मामले पर कई जिलों के अभ्यर्थियों ने आक्रोश जताया है। रोज सुबह वह आरआरसी दफ्तर पहुंच सवाल उठा रहे हैं।
उनका कहना है कि किस आधार पर चयन नहीं हुआ, यह बताना चाहिए। रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ प्रयागराज मुख्यालय के बाहर मंगलवार शाम भी अभ्यर्थियों ने पहुंच नारेबाजी की। सभी चेयरमैन से मिलना चाहते थे लेकिन मुलाकात नहीं हुई। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों से अभ्यर्थी आकर विरोध जताने लगे हैं। कई अभ्यर्थी तो रात में रेलवे स्टेशन पर सोने को मजबूर हैं। मंगलवार शाम अभ्यर्थियों की एक फोटो वायरल होने के बाद यूनियन नेताओं ने इस इंतजाम पर सवाल उठाए। यूनियन नेताओं का कहना है कि प्रयागराज में लगभग 140 अभ्यर्थी डेरा डाले हुए हैं। सभी मेडिकल में पास हुए, क्वालीफाई कर मेरिट में आए इसके बाद भी उन्हें रोका गया है। इनके अभिलेखीय सत्यापन को नहीं कराया जा रहा है। बोर्ड की ओर से कहा जा रहा है कि पद खत्म हैं।
अभ्यर्थियों का कहना है कि 575 पद खाली हैं। सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। इस बारे में जानकारी की जाएगी। किसी भी अभ्यर्थी का नुकसान नहीं होगा।
4076 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया था
वर्ष 2019 में 4730 पदों की भर्ती शुरू हुई। बाद में इसे 4651 पदों पर संशोधित किया गया। वर्ष 2022 में सीबीटी परीक्षा हुई। दिसंबर 2022 में 13202 अभ्यर्थी (पद के सापेक्ष तीन गुना) सफल हुए। इन्हें शारीरिक दक्षता के लिए बुलाया गया। 7995 अभ्यर्थी दौड़ में पास हुए। चिकित्सीय परीक्षण के लिए 4651 लोगों को बुलाया गया। इसमें 114 चिकित्सीय परीक्षण में फेल हो गए। कुछ अनुपस्थित हुए। कुल 4076 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया।
ईडब्ल्यूएस के सर्वाधिक अभ्यर्थी बाहर
कहा जा रहा है कि आरआरसी ग्रुप की इस भर्ती में सर्वाधिक नुकसान ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) के अभ्यर्थियों का हुआ है। चयनित न होने वाले लगभग 100 से अधिक अभ्यर्थी इसी वर्ग के हैं। अधिकांश के पास दो ही मैसेज आए हैं। एक नो पोस्ट, दूसरा नो इनपैनल। इसे लेकर अभ्यर्थियों में गहरी नाराजगी है।