छह साल में पांच लाख को दी सरकारी नौकरीयोगी
यूपी के प्रति धारणा बदली
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बारे में धारणा बदलने में सबसे अहम भूमिका यूपी पुलिस की रही है। पिछले छह वर्षों में प्रदेश में दंगे नहीं हुए हैं, संगठित अपराध समाप्त हो चुका है, कोई आतंकी घटना नहीं हुई है। यह सब यूपी पुलिस के बदले स्वरूप को दर्शाता है। यदि वर्ष 2017 से पहले की बात की जाए तो उस समय पुलिसकर्मी भी असुरक्षित थे। पहले पर्व और त्योहार आते ही लोगों के मन में भय व्याप्त हो जाता था।
लखनऊ, । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोक भवन सभागार में कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के माध्यम से चयनित इन अभ्यर्थियों में 587 सहायक उप निरीक्षक (लिपिक), 344 सहायक उप निरीक्षक (लेखा) और 217 उप निरीक्षक (गोपनीय) शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन रोजगार के तहत पिछले छह वर्षों में साढ़े पांच लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। अकेले पुलिस विभाग में डेढ़ लाख से अधिक पदों पर भर्ती की गई है, जिसमें मृतक आश्रित के रूप में 2500 भर्तियां अतिरिक्त की गई हैं।
पहले यूपी ‘प्रश्न’ प्रदेश था आज ‘उत्तर’ प्रदेश है मुख्यमंत्री ने कहा कि समूची भर्ती प्रक्रिया को शुचिता, पारदर्शिता और निर्धारित आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए पूरा किया गया है। इन नियुक्तियों में कोई प्रश्न नहीं खड़ा कर सकता है और न ही भाई भतीजावाद का आरोप लगा सकता है। वर्ष 2017 से पहले जहां उत्तर प्रदेश ‘प्रश्न’ प्रदेश था, वहीं पिछले छह वर्षों में यह ‘उत्तर’ प्रदेश बनकर उभरा है। समारोह में जिन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जा रहे हैं उनके चेहरे की चमक बता रही है कि उन्होंने मेहनत की थी और वे अपने अभिभावकों की तमन्ना पूरी करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस बल का हिस्सा बन रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वाभिमान के लिए शुरू हुआ मिशन शक्ति कार्यक्रम आज पूरे देश में लागू हुआ है। इसके तहत यूपी पुलिस में अलग-अलग पदों पर 22500 से अधिक महिला कार्मिकों को नियुक्ति पत्र दिए गए