MDM की दरें बढ़ीं पर भुगतान कब से, तय नहीं
लखनऊ: जारी किया है कि स्कूलों में दिए जाने वाले मिड-डे मील (MDM) की बढ़ी हुई लागत एक जनवरी से लागू की जाए। वहीं, बरेली के बीएसए ने एक अप्रैल से बढ़ी हुई लागत लागू किए जाने के निर्देश जारी किए हैं। यह सिर्फ दो जिलों की बात नहीं है। प्रदेश के सभी जिलों में अलग-अलग तरह के आदेश किए जा रहे हैं। कुछ जिले ऐसे भी हैं, जहां अभी तक पुरानी दरों से ही भुगतान हो रहा है। ऐसे में स्कूल के प्रिंसिपल परेशान हैं और बच्चों को अच्छी क्वॉलिटी का भोजन नहीं मिल पा रहा है।
कुछ जिलों में अब तक नई दरें लागू नहीं : MDM की प्रति छात्र लागत दर बढ़ाने का आदेश केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2022 में जारी किया था। प्राथमिक विद्यालयों में प्रति छात्र MDM की लागत दर 4.97 रुपये थी। इसे बढ़ाकर 5.45 रुपये किया गया है। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में लागत 7.45 रुपये से बढ़ाकर 8.17 रुपये की गई है। हालांकि, प्रदेश में अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है कि नई दरों से भुगतान कब से किया जाना है।
आदेशों का क्या हो रहा असर ? : MDM की धनराशि स्कूलों को भेजी जाती है। ग्राम प्रधान और स्कूल के प्रिंसिपल को भोजन क इंतजाम करना होता है। इनकी समस्या यह है कि आदेश स्पष्ट न होने पर ज्यादा भुगतान कर दें तो गबन की श्रेणी में आ जाएगा। देर से ज्यादा भुगतान किया जाए तो यह होगा कि बच्चों को क्वॉलिटी भोजन नहीं दिया गया। इस बारे में प्राथमिक विद्यालय प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि कोई भी आदेश पूरे प्रदेश में एक साथ और एक जैसा लागू किया जाना चाहिए। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के उप निदेशक हरवंश सिंह कहते हैं कि केंद्र से आदेश आया था, उसके बाद से ही इसे लागू कर दिया गया था। यदि किसी बीएसए को कोई भ्रम है तो उसे प्राधिकरण से पूछना चाहिए।
एमडीएम की बढ़ी लागत एक जनवरी से लागू है। कोई भ्रम न हो इसलिए एक बार फिर इस बारे में सभी बीएसए को निर्देश जारी कर दिए गए है.
- विजय किरण आनंद, डीजी, स्कूल शिक्षा