बहराइच,। बेसिक स्कूलों में पढ़ रहे 1.58 लाख के करीब विद्यार्थियों के पोशाक की धनराशि अटक गई है। इन विद्यार्थियों का आधार कार्ड व ई-केवाईसी अभी तक सही नहीं हो पाई है, लिहाजा खातों में धन नहीं पहुंच रहा है। अब यह बच्चे बिना पोशाक के ही विद्यालय पहुंच रहे हैं। शिक्षक अभिभावकों से आधार बनवाने से लेकर खातों में उसे लिंक कराने को लेकर दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन वह संज्ञान नहीं ले रहे हैं।
जिले में 2803 बेसिक स्कूल संचालित हो रहे हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 495120 बच्चे पंजीकृत हैं। अध्ययनरत बच्चों को सरकार हर साल पोशाक, बैग, जूता व मोजा के लिए 1200 रुपये प्रोत्साहन राशि दे रही है। इस सत्र के लिए भी सीएम की ओर से 19 जुलाई को प्रोत्साहन राशि सीधे खातों में हस्तांतरित की गई है, लेकिन जिले में 337455 विद्यार्थियों के अभिभावकों के खातों में ही रकम पहुंची है। 157665 विद्यार्थी इस इमदाद से वंचित रह गए हैं। वजह इन विद्यार्थियों के आधार कार्ड नहीं बने हुए हैं या फिर खातों से उनके आधार लिंक व ई-केवाईसी तक नहीं कराई गई है। शासन की ओर से रकम भेजने पर वापस हो जा रही है। यह हाल तब है, जब शिक्षकों की ओर से अप्रैल से ही अभिभावकों से संवाद कर आधारकार्ड व ई केवाईसी के लिए जागरूक किया जा रहा है।
प्रोत्साहन न मिलने पर सभी बच्चे बिना पोशाक के ही स्कूल पहुंच रहे हैं। जिला समन्वयक राकेश सिंह ने बच्चों के अभिभावकों को बताया कि इन अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें गड़बड़ी सुधार कराने व बच्चों के आधार बनवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसमें शिक्षक भी लगातार मदद कर रहे हैं, ताकि खातों में धन पहुंच सके।
आधार व ई-केवाईसी न होने से खातों में पोशाक की रकम नहीं पहुंच रही है। इन बच्चों के अभिभावकों को जानकारी दी जा रही है। जिनको धन मिल गया है। उन बच्चों को पोशाक में आने के निर्देश दिए गए हैं।
- एआर तिवारी, बीएसए, बहराइच
50 हजार बच्चों के आधार ही नहीं बनें
बहराइच। यह लापरवाही नहीं तो और क्या है। बेसिक स्कूलों में पढ़ रहे 50 हजार ऐसे विद्यार्थी हैं, जिनके अभी तक आधार कार्ड ही नहीं बनाए गए हैं। ऐसे में इन बच्चों को सरकार व विभाग की ओर से संचालित योजनाओं का लाभ नहीं • मिल रहा है। अभिभावकों की ओर से भी रुचि नहीं ली जा रही है। आधार न होने से इन बच्चों का डाटा भी यू-डायस पोर्टल पर अपडेट नहीं हो पा रहा है।
खातों में पहुंची रकम, फिर नहीं खरीद रहे ड्रेस
बहराइच। तीन लाख 35 हजार से अधिक बच्चों के खातों में डीबीटी के माध्यम से पोशाक की रकम 1200 रुपये पहुंच गई है। इसके बावजूद अभिभावक बच्चों का पोशाक नहीं बनवा रहे हैं। बीएसए ने बताया कि संबंधित सभी स्कूलों के प्रधान शिक्षिकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अभिभावकों से संपर्क कर धन का उपभोग बच्चों के निर्धारित वस्तुओं पर ही करें, सरकार का उद्देश्य पूरा हो।