प्रयागराज: बेसिक शिक्षा परिषद का निरीक्षण करने पहुंची प्रदेश की महानिदेशक स्कूली शिक्षा परिषद कार्यालय में शिक्षकों के हजारों मामले लंबित होने पर नाराजगी जताई। महानिदेशक विजय किरन आनंद ने परिषद में इस समस्या के निवारण के लिए लीगल सेल के गठन के साथ नोडल अधिकारी नियुक्त करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सुनवाई नहीं होने से शिक्षक परेशान हैं जबकि गाजियाबाद गोरखपुर ललितपुर लखीमपुर खीरी तक के शिक्षक अपनी शिकायत लेकर पहुंचते हैं सुनवाई नहीं होने से यह निराश होकर लौट जाते हैं।
नहीं होती शिक्षकों की सुनवाई उत्पीड़न का होते हैं शिकार
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के पास जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से दंडित शिक्षक अपनी लेकर पहुंचते हैं । सुनवाई ठप होने से शिक्षक निराश होकर उत्पीड़न का शिकार होते रहते हैं। पता चला है कि नवंबर 2019 से अब तक परिषद में शिक्षकों के मामले लटके पड़े हैं सचिव ने प्रयागराज कार्यालय में नहीं बैठने से वह निराश होकर लौट जाते हैं कुल 17000 मुकदमे लंबित हैं।
मानव संपदा पर होगा तेजी से काम
महानिदेशक स्कूली शिक्षा ने कहा है कि शिक्षक अपनी छुट्टी को लेकर परेशान ना हो उन्हें प्रधानाध्यापक, खंड शिक्षा अधिकारी होम बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास अपनी छुट्टी मंजर कराने की पैरवी ना करनी पड़ेगी इसके लिए मानव संपदा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कहा कि शिक्षकों की ऑनलाइन अवकाश को तय समय में मंजूरी नहीं देने पर अधिकारी एवं प्रधानाध्यापक जिम्मेदार मान जाएंगे। मानव संपदा पोर्टल के उपयोग करने के लिए शिक्षक एवं अधिकारी को प्रेरित किया। बीएसए , एबीएसए से शिक्षकों की समस्याओं पर लगातार निगरानी करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल, संयुक्त सचिव विजय शंकर मिश्र, उप सचिव अनिल कुमार सहित विभाग के दूसरे अधिकारी मौजूद रहे।
ऐसे काम करेगी लीगल सेल
इसमें पहले भी महानिदेशक ने परिषद से लीगल सेल के गठन का मुख्य सुझाव दिया था परंतु इस मामले में अभी तक अमल नहीं हो सका । महानिदेशक ने कहा कि लीगल सेल में एक नोडल अधिकारी नियुक्त होगा। इसका सहयोग करने के लिए दो अन्य अधिकारियों को यहां से जोड़ा जाएगा। लीगल सेल हर सोमवार को महानिदेशक कार्यालय को प्रमुख एवं सामान्य मुकदमों की सूची भेजेगी। उन्होंने समीक्षा के दौरान यह भी कहा है कि बेसिक शिक्षा का सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय का महत्वपूर्ण अंग है। यहां किसी प्रकार की ही हीलाहवाली स्वीकार नहीं है।