लखनऊ: पंचायत चुनाव और यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा के बाद प्रदेश में समूह ग की बंपर भर्तियां होंगी। आयोग की मंशा इस साल तकरीबन 50 हजार भर्तियां करने की है। इस भारतीयों के लिए उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग कमर कस रहा है। नए साल में द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली अपनाने के लिए आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा की योजना और पाठ्यक्रम का प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए शासन को भेज दिया है।
आयोग के पास पिछले वर्ष विभिन्न विषयों में समूह ख की रिक्त लगभग 35000 पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन आए थे। सरकार ने पिछले वर्ष 31 अगस्त को सरकारी बजट उत्तर प्रदेश लोक सेवा अधिनियम 2020 की अधिसूचित करते कोई सी भी सरकारी भर्तियों में लागू करने के लिए गत वर्ष 8 सितंबर को शासनादेश जारी किया था। अधिनियम के तहत 15000 पदों के लिए संशोधित अधियाचन परीक्षण के बाद सही पाए गए। शेष में सुधार कर भेजने को कहा गया है।
प्रारंभिक परीक्षा अप्रैल के अंत में संभावित: आयोग के अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने बताया कि प्रारंभिक परीक्षा में 25 से 30 लाख अब ऋतिक के शामिल होने की संभावना है। मौजूदा हालत में प्रारंभिक परीक्षा अप्रैल माह के अंत में कराए जाने की संभावना है। प्रारंभिक परीक्षा के आधार पर शॉर्टलिस्ट आयोग के लिए आयोग मुख्य परीक्षा आयोजित करेगा। आयुक्त समान शैक्षिक योग्यता वाले पदों के समूह ( मास्टर कैटेगरी ) बना रहा है।
प्रारंभिक परीक्षा की योजना व पाठ्यक्रम शासन को भेजा
भर्तियों में तेजी के लिए आयोग ने दो चरणों में परीक्षाएं आयोजित कर आएगा। पाली चरण में अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग के लिए प्रारंभिक परीक्षा होगी। प्रारंभिक परीक्षा की योजना पाठ्यक्रम तय कर शासन की मंजूरी के लिए भेजा गया है। प्रारंभिक परीक्षा 2 घंटे की होगी जिसमें 100 बहुविकल्पी प्रश्न होंगे। प्रत्येक गलत उत्तर देने पर चौथाई अंक कटेंगे।