लखनऊ। प्रदेश में बेसिक के विद्यालयों में एक से दूसरे जिले में तबादला पाए काफी शिक्षक अभी भी कार्यमुक्त के लिए भटक रहे हैं। ऐसे गंभीर बीमारी से पीड़ित व सरकारी नौकरी के भारांक से प्रभावित शिक्षक भी कार्यमुक्त नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे कई जिलों के शिक्षकों ने कार्यमुक्त के लिए राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान (एसईआईटी) में धरना दिया।
धरने पर बैठे शिक्षकों ने बताया कि विभाग की ओर से बाकायदा मेडिकल बोर्ड का गठन करके उनकी और कागजात की जांच कराई गई। इसके बाद उन्हें असाध्य / गंभीर बीमारी से पीड़ित होने का भारांक दिया गया और फिर उनका तबादला किया गया। किंतु अचानक अधिकारियों के मौखिक आदेश पर उनको कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। इससे बीमार शिक्षकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
वहीं धरने में वह शिक्षक-शिक्षिका भी शामिल थे, जिन्हें सरकारी सेवा में परिजन के होने का वेटेज, पति-
मांगी अपडेट सूचना
परिषदीय विद्यालयों में हुए 16614 तबादलों को लेकर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने तीन दर्जन से अधिक जिलों से सूचना मांगी है। उन्होंने कहा है कि कुछ ऐसे शिक्षक व शिक्षिकाओं का तबादला हुआ है, जिनके बैच की पदोन्नति उनके जिले में अपडेट नहीं हुई है। ऐसे शिक्षकों की निर्धारित प्रारूप पर बीएसए जल्द से जल्द सूचना उपलब्ध कराएं।
पत्नी के सेवा में होने का वेटेज मिला। इसके आधार पर हुए तबादले के बाद भी कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। बरसात के बीच शिक्षक सुबह से शाम तक एसईआईटी में बैठे रहे लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल कार्यालय नहीं पहुंचे। शिक्षकों ने कहा कि मजबूरी में उन्हें अपना धरना नियमित करना पड़ेगा। ब्यूरो