3 जुलाई तक कार्यमुक्त दए गए थे
कार्यमुक्त हुए दो महीने होने को, निर्भय
, लखनऊ : बेसिक शिक्षकों के अंतरजनपदीय (जिले के बाहर) तबादलों को दो महीने होने वाले हैं लेकिन अभी तक उनको नए जिले में तैनाती नहीं मिल सकी है। सभी को तीन जुलाई तक कार्यमुक्त करने के आदेश कर दिए गए थे लेकिन नए जिले में स्कूल का आवंटन अभी नहीं हुआ। तैनाती देने में अब भी कई पेंच फंस रहे हैं। ऐसे में विभाग इन सभी समस्याओं को हल करने के बाद ही तैनाती देना चाहता है।
बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के ऑनलाइन तबादलों और प्रमोशन की प्रक्रिया फरवरी से शुरू हुई है। इसमें अंतरजनपीय तबादलों के अलावा अंतरजनपदीय और अंतरजनपदीय म्युचुअल ट्रांसफर की प्रक्रिया है। इसके अलावा प्रमोशन की प्रक्रिया भी चल रही है। अभी तक सिर्फ अंतरजनपदीय तबादले हो पाए हैं। शिक्षकों का दूसरे जिलों में तबादला तो हो गया लेकिन स्कूल आवंटन अभी तक नहीं हो पाया है। इसको लेकर कई तरह के पेंच फंसे होने के कारण विलंब हो रहा है। जिलों में तबादला होने के बाद पूरा ब्योरा सभी बीएसए को अपडेट करने के लिए कहा गया है। वह अभी तक
नहीं हो पाया है।
वेतन भी नहीं मिला ट्रांसफर के बाद जब तक शिक्षकों को स्कूल आवंटित नहीं हो जाता, तब तक वेतन भी जारी नहीं हो सकता जिन शिक्षकों का तबादला है, उनका पिछले महीने का वेतन भी नहीं मिला जब स्कूल आयटित हो जाएगा, उसके बाद फिर वेरिफिकेशन कराया जाएगा। उसके बाद ही वेतन जारी हो सकेगा। इस बारे में प्राथमिक शिक्षक स्नातक असोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि पूरा ब्योरा ऑनलाइन है। ऐसे में अपडेट होने में इतना वक्त नहीं लगना चाहिए। यदि नियमों को लेकर कोई दिक्कत आ रही है तो सवाल
तैनाती में फंस रहे ये पेच
समझिए खबरों के प्रमोट हुए शिक्षकों के तबादलों को लेकर पेच फंस गया है। अंदर की बात
स्कूल आवंटन में कई तरह के पेच फंसे हैं। जूनियर में दरअसल पहले जिलों में अलग-अलग प्रमोशन होते थे। किसी जिले में 15 साल से प्रमोशन नहीं हुए तो किसी जिले में आठ और 10 साल से नहीं हुए। ऐसे में जिसका प्रमोशन 2015 में किसी जिले में हो गया है। वह ऐसे जिले में जाता है, जहां 2015 में प्रमोशन नहीं हुए। ऐसे में वहां आने वाले शिक्षक का वेतनमान और पद बढ़ जाएगा। एक ही ज्वाइनिंग तारीख वालों का समान जिले में वेतनमान और पद कम ज्यादा नहीं हो सकता। पिछली बार तो पहले से एफिडेविट लेकर दूसरे जिलों से आने वालों को डिमोट करके तबादला किया गया था। इस बार ऐसा कोई एफिडेविट नहीं लिया गया और कहा जा रहा ऐसा नियम भी नहीं है। ऐसे में उसे वापस उसी जिले में भेजने का विकल्प बचा है। इसी तरह जूनियर में टीईटी और गैर टीईटी वालों को लेकर भी पेच फंसा था। इस मामले में गैर टीईटी वालों को कोर्ट के आदेश के अधीन तबादले की मंजूरी दे दी गई है। इसी तरह की तकनीकी दिक्कतों की जांच कर ब्योरा अपडेट होना है, जो अभी तक नहीं हो पाया।
सभी बीएसए से ब्योरा अपडेट करने को कहा गया है। कोशिश है कि कोई खामी न रह जाए, जिससे बाद में दिक्कत आए जल्द ही स्कूल आवंटित हो जाएंगे।
-प्रताप सिंह बघेल, सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद
ये है कि अधिकारियों को पहले ही इस बारे में जांच-परख कर लेनी चाहिए थी। रिलीव करने के बाद नियमों का हवाला दिया जा रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल का कहना है कि
सभी बीएसए से ब्योरा अपडेट करने को कहा गया है। कोशिश है कि कोई खामी न रह जाए, जिससे बाद में दिक्कत आए। इसलिए ठीक से पड़ताल की जा रही है। जल्द ही स्कूल आवंटित हो जाएंगे।