सैनिक स्कूल में छात्र की मौत पर हाउस मैट्रन निलम्बित, चार की सेवाएं समाप्त
सैनिक स्कूल में छात्र की मौत पर हाउस मैट्रन निलम्बित, चार की सेवाएं समाप्त
● छात्र के ताऊ ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया
● 11वीं कक्षा के छात्र की स्विमिंग पूल में डूबने से हो गई थी मौत
लखनऊ,। लखनऊ। कैप्टन मनोज पाण्डेय सैनिक स्कूल के स्वीमिंग पूल में डूबकर 11वीं के छात्र ओम बुधौलिया की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया। स्कूल की अध्यक्ष एवं मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की सख्ती के बाद देर शाम प्रधानाचार्य कर्नल राजेश राघव ने स्वीमिंग पूल चलाने वाली संस्था को काली सूची में डाल दिया है। स्वीमिंग कोच सत्या चौहान, लाइफ गार्ड हिमांशु शर्मा तथा गेट कीपर अमरदीप और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी बलराम पांडेय की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। स्कूल के हाउस मैट्रन राजीव कुमार को निलंबित कर दिया है।
स्कूल के प्रधानाचार्य कर्नल राजेश राघव ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा और कमिश्नर के निरीक्षण के दौरान दिए गए कार्रवाई के निर्देश के क्रम में स्कूल प्रशासन ने जांच समिति गठित की थी। उसकी अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर वृंदावन योजना गोवर्धन एनक्लेव सेक्टर 20 स्थित संस्था स्टैंडर्ड मल्टीटेक स्विमिंग पूल वाटर ट्रीटमेंट पर कार्रवाई की गई है। संस्था के स्वीमिंग कोच, लाइफ गार्ड और गेट कीपर की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं। साथ ही संस्था को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। घटनाक्रम के समय ड्यूटी पर कार्यरत विद्यालय के कार्मिक हाउस मैट्रन राजीव कुमार को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। इसके अलावा जांच समिति की अन्तिम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से कार्यरत बलराम पाण्डेय की सेवायें भी तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गयी है
मण्डलायुक्त ने प्रधानाचार्य से मांगा स्पष्टीकरण
मण्डलायुक्त नोटिस में कहा था कि 11वीं कक्षा के छात्र ओम बुधौलिया की स्वीमिंग पूल में डूबने से मृत्यु की घटना दुखद है। छात्र को तैराकी नहीं आती थी। जिन बच्चों को तैराकी नहीं आती है, उनकी सूची बनाकर उन पर विशेष रूप से नजर रखनी चाहिए थी। घटना के 4-5 घंटे के बाद छात्र का शव बरामद होने से स्पष्ट है कि स्वीमिंग के टीचर इंचार्ज के स्तर पर लापरवाही हुई। स्वीमिंग के लिए बच्चों को ले जाते एवं वापस लाते समय गणना करने में सतर्कता नहीं बरती गयी। स्वीमिंग के दौरान कोच एवं लाइफ गार्ड अनुपस्थित रहे। इससे प्रधानाचार्य की निष्क्रियता, शिथिलता और लापरवाही जाहिर हो रही है। यदि सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण नहीं दिया तो क्यों न आपके विरुद्ध कार्रवाई की जाए?