सरकार ‘कूल रूफ नीति’ से दिलाएगी गर्मी से राहत
इसका होगा प्रावधान
● नक्शा पास कराते वक्त ही इसके लिए प्रमाण पत्र लिया जाएगा
● 100 वर्ग मीटर से बड़े भवनों पर इसे बनाने की अनुमति होगी
● भवन स्वामियों, प्राधिकरणों को निर्माण में छूट मिलेगी
● पहले चरण में बड़े शहरों में लागू कर इसका परीक्षण होगा
● ऐसे भवन स्वामियों को विकास प्राधिकरण प्रमाण पत्र भी देंगे
लखनऊ। राज्य सरकार तेलंगाना की तर्ज पर ‘कूल प्रूफ नीति’ लाने जा रही है। आवास विभाग ने इस दिशा में काम शुरू करा दिया है। इसका मकसद जलवायु परिवर्तन से निपटना और लोगों को गर्मी से राहत दिलाना है। नीति में आवासीय व व्यवसायिक भवनों को बनाने का मानक नए सिरे से तय किया जाएगा। छत की ऊंचाई और इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का मानक तय होगा, जिससे घर के अंदर का हिस्सा ठंडा रहे।
अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण के समक्ष ‘नेचुरल रिसोर्स डिफेंस काउंसिल’ द्वारा इसका प्रस्तुतीकरण किया जा चुका है। इस तकनीक से होने वाले लाभों और इसे एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड में शामिल करने के संबंध में जानकारी दी गई। अपर मुख्य सचिव ने आयुक्त आवास विकास परिषद, प्रमुख विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षों और एनआरडीसी व नेडा के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए कमेटी बनाने का निर्देश दिया है।