Credit Line On UPI: यूपीआई के जरिये बड़ी आसानी से कहीं भी कभी भी पेमेंट किया जा सकता है. यह डिजिटल पेमेंट करने का काफी लोकप्रिय मोबाइल पेमेंट तरीका है. लोगों की सुविधा के लिए इसमें नए फीचर्स ऐड किए गए हैं।
दिल्ली. कुछ ही वर्षों में पेमेंट करने का तरीका पूरी तरह बदल गया है. पहले लोग कैश देकर पेमेंट करते थे तो बाद में ड्राफ्ट और चेक का इस्तेमाल किया जाने लगा. इसके बाद इंटरनेट बैंकिंग में NEFT, RTGS, और IMPS करने लगे. इन तरीकों को काफी सुविधाजनक माना गया. ये सभी तरह की ट्रांजेक्शन तभी पूरे हो पाते हैं, जब आपकी जेब में अर्थात अकाउंट में पैसा हो. पैसा न होने पर भी यदि ट्रांसफर हो जाए तो कहने ही क्या! अभी तक ऐसी कोई सुविधा नहीं थी, मगर अब ये सुविधा मिलने जा रही है. और यह सुविधा सबसे सरलतम तरीके से ट्रांजेक्शन करने की प्रक्रिया में मिलेगी, मतलब यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) में. यूपीआई ने भारत में पेमेंट के तरीकों को पूरी तरह पलटकर रख दिया है. अब लोग सालों तक बैंक का मुंह तक नहीं देखते. हालांकि चेक, NEFT, RTGS, और IMPS जैसे तरीके अभी भी इस्तेमाल होते हैं, परंतु UPI ने बहुत तेजी से प्रगति की है. यदि एक ही दिन में 1 लाख रुपये से कम के अमाउंट को ट्रांसफर करना हो तो UPI से बेहतर कुछ भी नहीं.
यूजर्स की सुविधा के लिए नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने (NPCI) यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) से क्रेडिट लाइन लिंक करने की सर्विस ‘क्रेडिट लाइन ऑन UPI’ शुरू कर दी है. इससे अब बड़ी आसानी से पेमेंट किया जाता है.
साल 2016 में शुरू हुई थी UPI की सुविधा
साल 2016 में यूपीआई पेमेंट सिस्टम की शुरूआत हुई थी. यूपीआई सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है. यूपीआई एक रियल टाइम पेमेंट सिस्टम है. किसी को पैसा भेजने के लिए आपको सिर्फ उसके मोबाइल नंबर, अकाउंट नंबर या यूपीआई आईडी या यूपीआई क्यूआर कोड की जरूरत पड़ती है. यूपीआई ऐप के जरिए आप 24×7 बैंकिंग कर सकते हैं. यूपीआई से ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए ओटीपी, सीवीवी कोड, कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट आदि की जरूरत नहीं होती.
UPI से अगस्त में हुए 10 अरब से ज्यादा ट्रांजैक्शन
यूपीआई के जरिए ट्रांजैक्शन का आंकड़ा अगस्त में 10 अरब को पार कर गया. हाल ही में एनपीसीआई ने यह जानकारी दी थी. एनसीपीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 30 अगस्त को यूपीआई ट्रांजैक्शन का आंकड़ा 10.24 अरब हो गया. इन ट्रांजैक्शन का मूल्य 15,18,456.4 करोड़ रुपये रहा. जुलाई में यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या 9.96 अरब थी जबकि जून में यह 9.33 अरब थी.